पितृ पक्ष श्राद्ध पक्ष का समापन कब है Sarv Pitru amavasya kab hai 2021
सर्वपित्र अमावस्या तिथि Sarva Pitru Amavasya Date 2021
- साल 2021 में सर्वपित्र अमावस्या 6 अक्टूबर बुधवार को है
- अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 05, अक्टूबर सायंकाल 07:04 मिनट पर |
- अमावस्या तिथि समाप्त – 06, अक्टूबर सायंकाल 04:34 मिनट पर |
- अमावस्या के दिन कुतुप मूहूर्त – सुबह 11:45 मिनट से दोपहर 12:32 मिनट|
- अमावस्या के दिन रौहिण मूहूर्त – दोपहर 12:32 मिनट से सायंकाल 01:19 मिनट|
- अमावस्या के दिन अपराह्न काल – सायंकाल 01:19 मिनट से सायंकाल 03:40 मिनट|
सर्व पितृ अमावस्या महत्व Sarva Pitru Amavasya mahatva
धार्मिक मान्यता अनुसार सर्व पितृ अमावस्या के दिन उन सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी तिथि की जानकारी न हो, या फिर याद न हो, इसलिए इसे सर्व पितृ अमावस्या कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन पितरों के निमित्त धूप दीप करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है। वैसे तो हर महीने की अमावस्या तिथि को तर्पण और पिंडदान किया जा सकता है लेकिन पितृपक्ष के आखिरी दिन पड़ने वाली सर्व पितृ अमावस्या तिथि पर पिंडदान, श्राद्ध, व पितरों के निमित्त दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद आपको देते हैं जिससे आपके घर में हमेशा समृद्धि और खुशहाली आती है।
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सर्व पितृ अमावस्या विधि Sarva Pitru Amavasya Vidhi
धार्मिक मान्यता अनुसार सर्व पितृ अमावस्या के दिन प्रातः काल उठकर घर की साफ़ सफाई कर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। अब श्राद्ध के लिए सात्विक भोजन तैयार करें। बनाए गए भोजन में से थोड़ा-थोड़ा भोजन निकाल कर एक अपने घर के आंगन में या छत पर जाकर पत्तल में रख दे इसके साथ पानी भी रखे. अब पितरों से इस भोजन को ग्रहण करने की प्रार्थना करें और जाने अनजाने हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे। सर्वपित्र अमावस्या के दिन शाम के समय सरसों के तेल का 1 दीपक जलाकर घर की चौखट पर रखें और पितृ देवी से प्राथना करे की वो अपनाआशीर्वाद हमेशा आप पर बनाए रखे और अंत में उनसे अपने लोक लौटने का आग्रह करें।