25 जुलाई 2021 सावन सोमवार व्रत महत्व पूजा विधि व नियम Sawan Somwar 2021

सावन सोमवार व्रत पूजा विधि Sawan month Puja Vidhi Niyam 

Sawan Somwar 2021Sawan Somwar 2021- सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना माना गया है। सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस बार सावन महीने की शुरुआत 25 जुलाई 2021 से होगी और 22 अगस्त को सावन महीना समाप्त होगा। वही पश्चिम और दक्षिण भारत के लिए सावन माह की शुरआत 9 अगस्त सोमवार से होगी जिसकी समाप्ति 7 सितम्बर मंगलवार को होगी| इसी महीने शिव भक्त कावड़ लेकर आते हैं और कांवड़ जल से शिवजी का अभिषेक करते हैं। सावन माह में पड़ने वाले सावन सोमवार बहुत खास होते है आज हम आपको सावन सोमवार व्रत के महत्व,पूजा विधि और इस व्रत के नियमो के बारे बताएँगे.

सावन सोमवार व्रत का महत्व Sawan Month importance

Sawan Somwar 2021- शास्त्रों में सावन सोमवार व्रत का विशेष महत्त्व बताया गया है मान्यता है कि सावन के महीने में पड़ने वाले सोमवार के दिन की गयी पूजा से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाओं को अवश्य ही पूरा करते हैं। इसी माह भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी का भम्रण के लिए निकलते है और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते है. सावन सोमवार के व्रत रखने से जीवन में आने वाली सभी परेशानिया दूर होकर सुख समृद्धि की प्राप्ति, खुशहाल दांपत्य जीवन और विवाह में आ रही परेशानियां शिव कृपा से दूर होती है. धार्मिक कथाओ के अनुसार देवी पार्वती ने भगवन शिव को पति रूप में पाने के लिए सावन माह में कठोर तप व उपवास किया था जिससे प्रसन्न होकर महादेव ने उनकी इच्छा पूरी की थी तभी से सावन माह शिव पूजा के लिए सबसे खास माना जाता है इसीलिए कहा जाता है की सावन के सोमवार या सोलह सोमवार करने से कुवारी कन्याओ को मनचाहा वर मिलता है.

सावन सोमवार पूजा विधि Sawan Somwar Pujan Vidhi

Sawan Somwar 2021- सावन सोमवार व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प ले अब भगवान् शिव की पूजा के लिए थाली तैयार करे जिसमे कुमकुम चावल हल्दी कपूर धूप बत्ती बेलपत्र धतूरा शमी के पुष्प दूध से बनी मिठाई आदि चीजे रख ले सबसे पहले जल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगाजल, और गन्ने के रस से शिवजी का अभिषेक करे फिर स्वच्छ जल से उन्हें स्नान कराये. शिवजी के रुद्राभिषेक के दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। रुद्राभिषेक के बाद शिवचालीसा, रुद्राष्टक का पाठ करे अभिषेक के बाद बेलपत्र, शमी पत्र, दूब, कुशा, कमल, नीलकमल, कनेर के फूल, आदि सभी पूजन सामग्री शिवजी को अर्पित करे. इसके साथ की भोग के रूप में दूध से बनी मिठाई का भोग लगाए. अप्प चाहे तो शिव पूजा शिव मंदिर में या घर पर भी कर सकती है. पूजन के पश्चात सावन सोमवार व्रत कथा सुनें। उसके बाद आरती कर प्रसाद वितरण करें इस तरह सावन के प्रत्येक सोमवार को पूजा करनी चाहिए.

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सावन सोमवार व्रत के नियम sawan Somwar Niyam

  1. किसी भी व्रत का पूर्ण फल व्रती को तभी प्राप्त होता है जब वह व्रत से जुड़े नियमो का सही ढंग से पालन करे सावन सोमवार के व्रत रखने वाले व्रती को किसी भी अनैतिक कार्य करने से बचना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करे.
  2. सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान का ध्यान करे और किसी भी बड़े और असहाय लोगों का अपमान ना करें।
  3. सावन माह के सोमवार व्रत में भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र और धतूरा शामिल करे.
  4. सावन हरियाली का माह होता है। जो शिवजी को अत्यंत प्रिय है इसलिए इस दौरान पेड़-पौधों को काटने से बचना चाहिए।
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