प्रदोष व्रत पूजा विधि 2022 Pradosh Vrat Poja Vidhi
Pradosh Kab Hai पंचांग के अनुसार इस वर्ष का आखिरी प्रदोष व्रत 21 दिसंबर 2022 बुधवार को पड़ रहा है. शास्त्रों में प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है. यह दिन भगवान शिव को समर्पित है. इस बार साल का आखरी प्रदोष व्रत बेहद खास होने वाला है क्योंकि इसी दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग भी बन रहे हैं. ऐसे में भगवान शिव की पूजा से मनोवांछित फल प्राप्त हो सकते है, आज हम आपको साल के आखिरी बुध प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन किन बातो का ध्यान रखना चाहिए इस बारे में बताएँगे.
पौष कृष्ण प्रदोष व्रत तिथि शुभ मुहूर्त Pradosh Vrat December Month Date
- साल 2022 साल का आखिरी पौष कृष्ण प्रदोष व्रत 21, दिसम्बर बुधवार को रखा जाएगा|
- प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त होगा- 21, दिसम्बर सायंकाल 05:29 मिनट से रात्रि 08:13 मिनट तक|
- त्रयोदशी तिथि आरम्भ होगी -21 दिसंबर प्रातःकाल 12:45 मिनट पर |
- त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी – 21 दिसंबर रात्रि 10:16 मिनट पर |
प्रदोष व्रत विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi
प्रदोष व्रत के दिन प्रातः स्नान आदि से निवृत्त होकर सूर्य को जल का अर्घ्य दे और पूजा घर में गंगा जल का छिड़काव कर व्रत का संकल्प करें। प्रदोष कल में सूर्यास्त के समय पुनः स्वच्छ होकर शिव के समक्ष धुप दीप जलाकर षोडशोपचार विधि से पूजन करें पूजा में शिवलिंग का पंचामृत से जलाभिषेक कर उनकी प्रिय चीजे अर्पित करे. इसके बाद बुध प्रदोष व्रत कथा पढ़ें और संपूर्ण शिव परिवार की आरती करे.
बुध प्रदोष नियम Pradosh Vrat Niyam
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत के कुछ नियम बताये गए है जिनका पालन करने से जातक को व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है आइये जानते है बुध प्रदोष के दिन विशेष रूपसेकिन बातो का ध्यान रखना चाहिए.
हल्दी न चढ़ाएं Pradosh Vrat Niyam
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को हल्दी चढ़ना वर्जित माना गया है मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग को पुरुषत्व से जोड़कर देखा जाता है, इसलिए शिवलिंग पर हल्दी से तिलक नहीं करना चाहिए. पूजा में शिवलिंग पर भस्म, बेलपत्र, भांग, गंगाजल, दूध, चंदन, चढ़ाना शुभ होता है.
इन चीजों को न चढ़ाएं Pradosh Vrat Niyam
शास्त्रों की माने तो प्रदोष व्रत वाले दिन भगवान शंकर को केतकी के फूल, तुलसी की पत्तियां, नारियल का पानी, शंख का जल, कुमकुम या सिंदूर चढ़ाने से बचना चाहिए. मान्यताओं के अनुसारये सभी चीजे शिव पूजा में वर्जित होती है.