छठ पूजा पूजा विधि Chhath Pujan Vidhi
Chhath Puja April 2024 Date Time सनातन धर्म में मनाये जाने वाले मुख्य पर्वो में से एक है छठ पूजा का पर्व| छठ पर्व साल में दो बार आता है एक चैत्र मास में और दूसरा कार्तिक मास में| छठ पूजा सूर्योपासना का महापर्व होता है. चैत्र महीने में आने वाली छठ चैती छठ, सूर्य षष्ठी और यमुना छठ के नाम से प्रचलित है। छठ पूजा के दिन सूर्य देव और उनकी बहिन छठी मैया की पूजा के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देने का विधान है। आइये जानते है साल 2024 चैती छठ पर्व की शुभ तिथि, पूजा मुहूर्त और इस व्रत की विधि क्या है|
छठ पूजा तिथि व शुभ मुहूर्त 2024 Chhath Puja Tithi Shubh Muhurt
- साल 2024 में चैती छठ पर्व 12 अप्रैल से 15 अप्रैल तक मनाया जायेगा.
- षष्ठी तिथि प्रारम्भ – 13, अप्रैल दोपहर 12:04 मिनट.
- षष्ठी तिथि समाप्त – 14, अप्रैल प्रातःकाल 11:43 मिनट.
- नहाय-खाय तिथि – 12 अप्रैल शुक्रवार
- खरना या लोहंडा – 13 अप्रैल मार्च शनिवार
- डूबते सूर्य का अर्घ्य – 14 अप्रैल रविवार
- उगते सूर्य का अर्घ्य और पारण – 15 अप्रैल सोमवार
नहाय खाय First day of Chhath Puja
नहाय खाय छठ पर्व का पहला दिन होता है. इस दिन स्नान के बाद घर की साफ-सफाई कर सात्विक भोजन बनाया और उसे ग्रहण किया जाता है.
खरना Second Day of Chhath Puja
छठ पूजा का दूसरा दिन खरना होता है. इसे लोहंडा भी कहते है. इस दिन निर्जल व्रत किया जाता है. इस दिन व्रत रखने वाला व्यक्ति अन्न-जल ग्रहण नहीं करता। इस दिन संध्याकाल के समय छठी मईया का प्रसाद बनाया जाता है.
संध्या अर्घ्य Third Day of Chhath Puja
छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. अर्घ्य देने के लिए बाँस की टोकरी या सूप में फल, ठेकुआ, चावल से बने लड्डू आदि चीजों को रखकर व्रत करने वाला व्यक्ति अपने परिवार के साथ सांध्यकाल के समय सूर्य भगवान को अर्घ्य देता है. सजाये गए सूप से छठी मैया की पूजा होती है।
इसे भी पढ़े – जानें अपना वार्षिक राशिफल 2024.
उषा काल अर्घ्य Fourth Day of Chhath Puja
छठ पर्व के अंतिम दिन उषा काल अर्घ्य दिया जाता है. प्रातःकाल सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए किसी नदी के घाट पर पहुंचकर उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर छठ मैय्या से परिवार की सुख समृद्धि कि कामना की जाती है. इसी दिन व्रत का पारण भी किया जाता है.