फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी मुहूर्त 2020 Sankashti Chaturthi Date Time 2020

फाल्गुन द्विजप्रिय संकष्टी पूजा विधि Dwijpriya Sankashti Vrat Pooja Vidhi  

फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी – शास्त्रों की माने तो संकष्टी चतुर्थी का अर्थ है संकट को हरने वाली चतुर्थी से होता है. गणेश चौथ के दिन सभी दुखों को हरने वाले समस्त देवो में प्रथम पूज्य श्री गणेश जी का पूजन और उनके लिए व्रत रखा जाता है प्रत्येक माह में दो बार चतुर्थी मनाई जाती है. पूर्णिमा के बाद जो चतुर्थी पड़ती है उसे संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. आज इस वीडियो में हम साल 2020 फाल्गुन मास संकष्टी चतुर्थी जिसे द्विजप्रिय चतुर्थी भी कहा जाता है के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व इससे जुडी अन्य बातो के बारे में बात करेंगे.

फाल्गुन संकष्टी शुभ मुहूर्त 2020 Dwijpriya Sankashti Chaturthi Muhurat 2020

  1. साल 2020 में द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत 12 फ़रवरी बुधवार के दिन रखा जाएगा.
  2. संकष्टी के दिन चन्द्रोदय का समय होगा – 12 फ़रवरी रात्रि 09:37 मिनट|
  3. चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी – 12 फरवरी प्रातःकाल 02:52 मिनट पर|
  4. चतुर्थी तिथि समाप्त – 12 फरवरी रात्रि 11:39 मिनट पर|

संकष्‍टी चतुर्थी व्रत पूजा विधि Dwijpriya Sankashti Chaturthi Puja Vidhi

वैसे तो हर महीने की चतुर्थी तिथि खास होती है लेकिन शास्त्रों में फाल्गुन माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का विशेष महत्व बताया गया है इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्‍नान के बाद उत्तर दिशा की ओर मुंह कर भगवान गणेश की विधिवत पूजा करते हुए उन्‍हें जल में तिल डालकर अर्पित करना चाहिए. यदि संभव हो तो पूरे दिन व्रत रखना शुभ होता है शाम के समय भगवान गणेश जी की पूजा कर उन्हें दुर्वा अर्पित करें गणेश जी को दूर्वा बहुत प्रिय है इसीलिए माना जाता है की उन्हें दूर्वा अर्पित करने से धन-सम्‍मान में वृद्धि होती है. अब गणेश जी को तिल से बने लड्डुओं का भोग लगाकर व्रत कथा पढ़ ले. अंत में चंद्रोदय के बाद चन्द्रमा को अर्घ्‍य देकर व्रत पूर्ण करे.

फाल्गुन चतुर्थी का महत्व Dwijpriya Sankashti Chaturthi Importance

फाल्गुन चतुर्थी के दिन गौरी पुत्र श्री गणेश जी का पूजन किया जाता है मान्यता है कि जो भी व्यक्ति फाल्गुन चतुर्थी के दिन पूरी श्रद्धा से व्रत व इस दिन गणेश जी की उपासना करता है तो उसे इस व्रत के प्रभाव से सुख-समृद्धि, आर्थिक संपन्नता के साथ ज्ञान का वरदान भी प्राप्त होता है और इसके अलावा चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध होते हैं.

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फाल्गुन कृष्णा चतुर्थी उपाय Dwijpriya Sankashti Chaturthi Upay

मान्यता है की सभी देवो में प्रथम पूज्य भगवान् गणेश जी की पूजा अर्चना से सभी कार्य सिद्ध होते है पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह में आने वाली कृष्णा चतुर्थी का व्रत कर उन्हें दूर्वा की माला या गेंदे के फूल की माला अर्पित कर उनके मंत्रो का 108 बार जाप किया जाय तो इस उपाय मात्र से ही व्यक्ति की कार्यसिद्धि, मनोकामना पूर्ति और समस्त संकटो का निवारण हो जाता है.

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