तुलसी के जरूरी नियम Tulsi Ke Fayde
Rules before Plucking Basil Leaves शास्त्रों में तुलसी के पौधे को बहुत ही पवित्र माना गया है। लगभग हर घर में तुलसी का पौधा लगा ही होता है। पूजा या अनुष्ठान में तुलसी पत्र को शामिल किया जाता है। भगवान विष्णु इस जगत के संचालक हैं और उन्हें तुलसी बहुत ही प्रिय होती है। Rules before Plucking Basil Leaves शास्त्रों में तुलसी के बिना कोई भी धार्मिक अनुष्ठान पूरा नहीं माना जाता है।यह धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण होती है इसमें कई औषधीय गुण होने के कारण इसका विशेष महत्व है। आज हम आपको बताएँगे तुलसी से जुड़े कुछ ख़ास नियम और इसके महत्व के बारे में|
धार्मिक महत्व
Rules before Plucking Basil Leaves भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण जी की पूजा तुलसी दल के बिना अधूरी मानी जाती है। वहीं हनुमान जी को भी भोग में तुलसी दल अर्पित किये जाते है पूजा में कभी भी तुलसी के पत्ते और गंगाजल बासी नहीं माना जाता है. कहते है कि जिन घरों में रोजाना तुलसी की पूजा होती है वहां कभी यमदूत प्रवेश नहीं करते। इसके साथ ही घर की सुख-समृद्धि बनी रहती है।
वैज्ञानिक महत्व
Rules before Plucking Basil Leaves वैज्ञानिक दृस्टि से देखे तो तुलसी के पौधे में एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में शरीर को सक्षम बनाते हैं। जहां तुलसी का पौधा होता है वहां के आस-पास का वातावरण शुद्ध रहता है। तुलसी के नियमित सेवन से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह होता है और व्यक्ति दीर्घायु होता है।
तुलसी के पत्ते तोड़ने के नियम
- Rules before Plucking Basil Leaves भगवान विष्णु को तुलसी बेहत प्रिय है लेकिन शिवजी और उनके पुत्र भगवान गणेश जी को कभी भी तुलसी पत्र नहीं चढाने चाहिए।
- वास्तु अनुसार तुलसी के पौधे को हमेशा घर के उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना चाहिए।
- दक्षिण दिशा और रसोईघर के पास कभी भी तुलसी नहीं लगानी चाहिए।
- तुलसी के पौधे और उसकी पत्तियों को कभी भी बिना स्नान किये ना तो छूना चाहिए और न ही तोड़ना चाहिए।
- तुलसी के पत्ते नाखून के बजाय उंगलियों के पोरों से तोड़ना चाहिए।
- अगर घर पर लगी तुलसी सूख जाये तो उसे किसी नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए कभी भी तुलसी के पौधे को इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए।
- रविवार के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए। रविवार का दिन भगवान विष्णु का सबसे प्रिय दिन होता है। इसलिए रविवार को तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए।
- एकादशी, संक्रान्ति, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण और शाम के समय में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।