अधिकमास का दूसरा प्रदोष व्रत कब है Sawan Adhik Pradosh 2023 Date

प्रदोष व्रत पूजा विधि 2023 Pradosh Vrat Puja Vidhi

Sawan Adhik Pradosh 2023 Date पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है. इस समय सावन के अधिक मास का कृष्ण पक्ष चल रहा है. सावन अधिकमास की त्रयोदशी तिथि 13 अगस्त को है. यह अधिक मास का दूसरा प्रदोष और सावन का तीसरा प्रदोष होगा. त्रयोदशी तिथि रविवार को होने के कारण यह रवि प्रदोष होगा। इस दिन व्रत रखने वाले को रोगों से मुक्ति मिलती है और आरोग्य की प्राप्ति होती है. आइये जानते हैं कि अधिक मास का दूसरा प्रदोष व्रत कब है, प्रदोष काल पूजा मुहूर्त शुभ संयोग, पूजा विधि और इस दिन कौन से उपाय करने चाहिए|

सावन अधिक प्रदोष शुभ मुहूर्त Pradosh Vrat August Month Date

  1. साल 2023 सावन अधिकमास का दूसरा प्रदोष व्रत 13 अगस्त रविवार को रखा जाएगा|
  2. सावन अधिकमास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि आरम्भ होगी – 13 अगस्त सुबह 08:19 मिनट पर|
  3. सावन अधिकमास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी – 14 अगस्त सुबह 10:25 मिनट पर|
  4. पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – सायंकाल 07:03 मिनट से लेकर 09:12 मिनट तक|

सावन प्रदोष पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi

शास्त्रों के अनुसार इस दिन साधक को प्रातः स्नान के बाद सूर्य को जल का अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए. दिनभर उपवास के बाद प्रदोष काल में पुनः स्वच्छ होकर गाय के दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें. शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, पुष्प, चढ़ाए और विधिपूर्वक पूजन, शिव मंत्रो का जाप, व्रत कथा और आरती करें. अधिक प्रदोष में शिव पूजा के साथ भगवन विष्णु की पूजा करना अति शुभ माना जाता है.

अधिक प्रदोष शुभ योग 2023 Adhik Pradosh Shubh Yog 2023

पंचांग के अनुसार 13 अगस्त 2023 को अधिक मास के दूसरे प्रदोष व्रत पर शिव पूजा के समय सिद्धि योग और पुनर्वसु नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है. ये दोनों ही योग शुभ फलदायी होते हैं. पुनर्वसु नक्षत्र धन, मान, सम्मान और यश को देने वाला माना जाता है जिसके स्वामी देव गुरु बृहस्पति हैं. वहीं सिद्धि योग में किए गए कार्य सफलता दिलाने वाले माने जाते है. इस दिन दोपहर 03:56 मिनट से सिद्धि योग और सुबह 08:26 मिनट से पुनर्वसु नक्षत्र प्रारंभ होगा.

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रवि प्रदोष व्रत उपाय Pradosh Vrat Mahaupay

  1. धार्मिक मान्यता अनुसार सुख-समृद्धि के लिए रवि प्रदोष के दिन भगवान शिव को जौ का आटा अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है। साथ ही इस दिन जौ के आटे को भगवान शिव के चरणों से स्पर्श कराकर इस आटे की रोटियां बनाकर गाय को खिलाना शुभ होता है.
  2. रवि प्रदोष के दिन शमी पत्र को साफ पानी से धोकर शिवलिंग पर ‘ऊँ नमः शिवाय’ पंचाक्षरी मंत्र का जाप करते हुए अर्पित करे.
  3. दांपत्य जीवन में खुशहाली के लिए दही में शहद मिलाकर भगवान् शिव को भोग लगाना चाहिए।
  4. सुख-शांति के लिए रवि प्रदोष के दिन शाम के समय शिव मंदिर में एक घी का दीपक जलाएं क्योकि घी का दीपक देवताओं को प्रसन्न करने के लिये शुभ माना जाता है.
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