नवरात्रि छठा दिन पूजा विधि Navratri Maa Katyayni Puja Vidhi Mantra Bhog
Navratri Sixth Day Puja Vidhi पौराणिक कथाओ के अनुसार नवरात्रि का छठा दिन देवी कात्यायनी को समर्पित है. छठे दिन दुर्गा माँ के छठे स्वरुप देवी कात्यायनी की पूजा होती है इन्हें गौरी, उमा, हेमावती और इस्वरी भी कहा जाता है. महर्षि कात्यायन की पुत्री होने के कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ा. शास्त्रों के अनुसार माँ के छठे रूप की पूजा से विवाह सम्बन्धी परेशानिया दूर होती है और मनचाहे वर की प्राप्ति होती है. आइये जानते है साल 2023 शारदीय नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी स्वरूप, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, भोग, मंत्र, रंग और इस दिन किये जाने वाले विशेष उपाय क्या है.
मां कात्यायनी पूजन शुभ मुहूर्त Maa Katyayni Pujan Muhurat
- शारदीय नवरात्रि छठा व्रत 20 अक्टूबर को रखा जायेगा|
- आज के दिन स्कंद षष्ठी व्रत भी किया जाता है।
- माना जाता है कि इसी तिथि पर भगवान स्कंद अर्थात भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्कंद षष्ठी की पूजा से ग्रह दोष भी दूर होते हैं
- आश्विन, शुक्ल षष्ठी प्रारम्भ – 20 अक्टूबर प्रातःकाल 12:31 मिनट
- आश्विन, शुक्ल षष्ठी समाप्त – 20 अक्टूबर रात्रि 11:24 मिनट
- पूजा का अभिजीत मुहूर्त – प्रातःकाल 11:48 मिनट से दोपहर 12:34 मिनट
मां कात्यायनी का स्वरूप Maa Katyayni Swaroop
प्राचीन कथाओ के अनुसार माँ कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं, इनका स्वरुप अत्यंत ही भव्य और दिव्य है। माँ का रंग स्वर्ण के समान चमकदार है। इनकी चार भुजाएं हैं. मां कात्यायनी के दाहिनी ओर का ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में और नीचे वाला वरमुद्रा में है. माँ के बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल का फूल सुशोभित है देवी कात्यायनी सिंह पर सवार रहती हैं. ये ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं और इनकी साधना से साधक का मन ‘आज्ञा चक्र’ में स्थित होता है।
मां कात्यायनी पसंदीदा रंग व भोग Maa Katyayani Bhog
शास्त्रों के अनुसार माँ कात्यायनी का पसंदीदा रंग लाल व पीला है. आज के दिन लाल या पिले रंग के वस्त्र पहन कर माँ की पूजा करना शुभ होता है और माँ को लाल व पीले रंग के पुष्प चढ़ाना शुभ होता है वही अगर भोग की बात करे तो माँ के इस रूप को भोग में शहद अति प्रिय है.
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माता माँ कात्यायनी पूजन विधि Maa Katyayani Puja Vidhi
नवरात्री के छठे दिन प्रातःकाल स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करे और मां कात्यायनी की पूजा का संकल्प ले. इसके बाद कलश, गणेश जी व देवी के छठे स्वरुप माँ कात्यायनी की पूजा करे. पूजास्थल में धूप-दीप जलाकर मां का ध्यान करें और उन्हें पीले या लाल रंग के फूल, कच्ची हल्दी की गांठ सुहाग का सामान लाल चुनरी, सिन्दूर और उनका प्रिय भोग शहद अर्पित करें. अंत में व्रत कथा पढ़े ले या सुने. अब देवी कात्यायनी मंत्र || ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥ का 108 बार जाप कर माँ की आरती कर ले.
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माँ को प्रसन्न करने के लिए क्या करे Maa Katyayani Puja Vidhi Upay
- मान्यता है की नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा से भक्तों को अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
- इस दिन मां को हल्दी की गांठे अर्पित करने से विवाह के योग बनते है.
- आज केदिन माँ को शहद अर्पित करने से आकर्षण क्षमता में वृद्धि होती है.
- इस दिन माँ को प्रसन्न करने के लिए कात्यायनी मन्त्र का 108 बार जाप कर पूजा में सात कौड़िया, हल्दी की गांठ व चावल अर्पित करने से माँ आपको मनवांछित फल देती है.