नवरात्रि सातवां दिन शुभ मुहूर्त Navratri Maa Kaalratri Puja Vidhi Mantra Bhog
Shardiya Navratri Seventh Day नवरात्रि के सातवें दिन देवी दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा- आराधना की जाती है। मां दुर्गा का सातवां स्वरुप कालरात्रि कहलाता है. नवरात्रो में सप्तमी तिथि बहुत महत्वपूर्ण होती है इस दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति और भय से मुक्ति मिलती है जिस कारण माँ को शुभंकरी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है की नवरात्रि के सातवें दिन मां का स्मरण करने मात्र से ही नकारात्मक शक्तियों का नाश हो जाता है। आज हम आपको साल 2021 शारदीय नवरात्रि सप्तमी व्रत तिथि, माँ कालरात्रि स्वरूप, पूजा विधि, माँ के पसंदीदा भोग, मंत्र और इस दिन किये जाने वाले लाभकारी उपाय के बारे में बतायेगे.
नवरात्रि सप्तमी तिथि शुभ मुहूर्त Navratri Satwan Din Date time
- शारदीय नवरात्रि का सातवां यानि सप्तमी तिथि का व्रत 12 अक्टूबर को रखा जायेगा|
- सप्तमी तिथि प्रारम्भ होगी – 11 अक्टूबर रात्रि 11:50 मिनट पर|
- सप्तमी तिथि समाप्त होगी – 12, अक्टूबर रात्रि 09:47 मिनट पर|
मां कालरात्रि का रूप Navratri Satwan Din Roop
मां कालरात्रि देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों में सातवां स्वरुप हैं। मां कालरात्रि का रंग कृष्ण वर्ण है, काला रंग होने के कारण ही इन्हे कालरात्रि कहा गया है। माँ गर्दभ पर सवार रहती है और इनके केश खुले रहते हैं। माँ की चार भुजाये है और ये दोनों बाएं हाथों में कटार और लोहे का कांटा धारण किये हुए है हैं। वहीं माँ के दो बाएं हाथ अभय मुद्रा और वरमुद्रा में हैं। माँ कालरात्रि गले में एक सफेद माला धारण किये रहती है.
मां कालरात्रि पसंदीदा रंग, प्रिय फूल व भोग Maa Kaalratri Bhog
Shardiya Navratri Seventh Day नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित है. देवी कालरात्रि के इस रूप को भोग के रूप में गुड़ बहुत पसंद है इसलिए सप्तमी के दिन उन्हें गुड़ का भोग लगाना चाहिए. मान्यता है कि आज के दिन मां को गुड़ का भोग चढ़ाने और ब्राह्मणों को गुड़ का दान करने से वह जल्दी प्रसन्न होती हैं मां कालरात्रि को नीला रंग प्रिय है साथ ही माता काली को गुड़हल का पुष्प अर्पित करना चाहिए।
माता माँ कालरात्रि पूजन विधि Maa Kaalratri Puja Vidhi
मान्यता अनुसार नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि स्वरुप की भक्ति-भाव से पूजा करने से देवी माँ भय से मुक्ति और हर मनोकामना पूरी करती है नवरात्रि के सातवें दिन प्रातःकाल स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान गणेश जी, सभी देवी देवताओ और देवी मां कालरात्रि का स्मरण कर उनका आह्वाहन करे माँ के समक्ष घी का दीपक जलाकर कलश पूजन कर माँ की आरती करे माता को अक्षत्, गुड़हल के पुष्प और गुड़ नैवेद्य के रूप में अर्पित करे. इसके बाद मां कालरात्रि के मंत्रों का जाप कर अंत में मां कालरात्रि की व्रत कथा पढ़कर आरती करें.
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माँ को प्रसन्न करने के लिए क्या करे Maa Kaalratri Puja Vidhi Upay
Shardiya Navratri Seventh Day नवरात्री के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा से भक्त को शुभ फल प्राप्त होते है इस दिन साधना करने वाले साधक मध्यरात्रि में देवी की तांत्रिक विधि से पूजा करते हैं. मान्यता है की इस दिन मां की आंखें खुलती हैं. सातवें दिन यदि आप देवी की पूजा के बाद शिव और ब्रह्मा जी की पूजा करते है तो आपकी सभी मनोकामनाएं जल्द ही पूरी होती है माता को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के सातवें दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर लाल रंग के आसन पर बैठकर देवी कालरात्रि के सामने घी का दीपक और गुग्गल की धूप जलाएं। फिर देवी मां को लौंग चढ़ाएं और पेड़े व गुड़ का भोग लगाएं उसके बाद मां कालरात्रि को अति प्रिय पुष्प गुड़हल व रातरानी जरूर अर्पित करें. इस छोटे से उपाय से आपको सुख यश वैभव और विजय प्राप्त होती है.