खरमास 2022 कब से कब तक Kharmas Kya Kare Kya Na Kare

खरमास पूजा विधि Kharmas Puja Vidhi

Kharmas

Kharmas  हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त का खास ध्यान रखा जाता है, जिससे कि भविष्य में शुभ फलों की प्राप्ति हो सके. वहीं साल में कुछ समय और दिन ऐसे होते हैं, जब शुभ-मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है. ज्योतिष अनुसार जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास प्रारम्भ हो जाता है. खरमास के दौरान मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। आज हम आपको साल 2022 में खरमास कब से कब तक है, खरमास में की जाने वाली पूजा और इस माह में क्या करे क्या ना करे इन सभी बातो के बारे में बताएँगे.

खरमास 2022 कब से कब तक kharmas starting date 2022

ज्योतिष अनुसार सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं. इस तरह 12 महीने में 12 राशियों में सूर्य का गोचर होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार 15 दिसंबर 2022 को सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं. सूर्य के धनु राशि में गोचर को धनु संक्रांति कहा जाता है. जब 14 जनवरी 2023 को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे और 15 जनवरी 2023 को मकर संक्रांति मनाने के साथ ही फिर से शुभ कार्य शुरू हो जायेंगे. पंचांग के अनुसार, खरमास 15 दिसंबर से शुरू होकर नए साल 2023 में 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन समाप्त होंगे।

खरमास पूजा विधि kharmas puja vidhi

धार्मिक मान्यता अनुसार खरमास में भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है। इस माह में सूर्योदय से पहले ही उठकर स्नान के बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा एक साफ चौकी पर स्थापित करे और दूध से भगवान विष्णु जी का अभिषेक करें। अब उन्हें पीले फल- फूल, नैवेद्य, पंच मेवा और तुलसी अर्पित करें। पूजास्थल पर धुप दीप जलाये और खरमास की कथा सुनें. पूजा में ऊं नमों भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करे. अंत में भगवान विष्णु की आरती करें। खरमास में गीता पाठ करना बहुत शुभ होता है. इस मास में ब्राह्मण या जरूरतमंद को दान करना चाहिए.

खरमास में क्या करे क्या न करें kharmas kya kare

  1. शास्त्रों के अनुसार, खरमास का महीना भगवान की अराधना की दृष्टि से शुभ माना गया है इसीलिए इस माह में सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर भगवान का स्मरण करना चाहिए।
  2. खरमास में सूर्यदेव की उपासना और भगवान विष्णु की पूजा करना शुभ होता है.
  3. सूर्य देव की पूजा के समय उनसे सबंधित मंत्रों का जाप करते रहना चाहिए.
  4. खरमास के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक कार्य जैसे- विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे संस्‍कारों के अलावा खरमास में नया वाहन, घर, प्लाट, रत्न-आभूषण भी नहीं खरीदना चाहिए.
  5. इस माह के नियम अनुसार तामसिक भोजन का सेवन, शहद, चौलाई, उड़द, तिल के तेल के प्रयोग करने से बचना चाहिए.
  6. किसी की निंदा या झूठ से बचना चाहिए।
  7. खरमास के दौरान रोज तांबे के लोटे में जल लेकर सूर्य को अर्घ्‍य देना चाहिए हालाँकि खुद तांबे के बर्तन में रखा पानी और दूध नहीं पीना चाहिए. यह स्वस्थ्य की दृष्टि से शुभ नहीं होता है.
  8. खरमास में गाजर, मूली, तेल, चावल, तिल, बथुआ, मूंग, सोंठ और आंवला का भी सेवन नहीं करना चाहिए.
  9. इस माह में ब्राह्मण, गुरु, गाय की सेवा करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है.
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