जितिया व्रत 2023 कब है Jivitputrika Date Time Shubh Muhurt 2023

जीवित्पुत्रिका पूजा विधि Jivitputrika vrat Puja Vidhi

Jivitputrika Date Time Shubh Muhurt 2023Jivitputrika Date Time Shubh Muhurt 2023 अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है इसे जितिया और ज्यूतिया व्रत भी कहते है इस व्रत को महिलाये संतान की दीर्घायु और पुत्र प्राप्ति के लिए रखती है. यह 24 घंटे का निर्जल व्रत होता है आइये जानते है साल 2023 में जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत कब है, पूजा और पारण का शुभ मुहूर्त, व्रत के नियम, नहाय खाय व खुर जितिया कब है और इस व्रत को कैसे किया जाता है|

जीवित्पुत्रिका व्रत शुभ मुहूर्त 2023 Jivitputrika Puja Date Timing

  1. साल 2023 में जीवित्पुत्रिका व्रत 6 अक्टूबर शुक्रवार के दिन रखा जायेगा|
  2. अष्टमी तिथि शुरू – 6 अक्टूबर प्रातःकाल 06:34 मिनट पर |
  3. अष्टमी तिथि समाप्त – 7 अक्टूबर प्रातःकाल 08:08 मिनट पर |
  4. नहाय खाय की तिथि – 5 अक्टूबर 2023
  5. निर्जला व्रत और खुर जितिया – 6 अक्टूबर
  6. व्रत का पारण – 7 अक्टूबर को सूर्य उदय होने के बाद|

जीवित्पुत्रिका व्रत पूजा विधि Jivitputrika vrat Pujan Vidhi

जितिया व्रत में कुशा से निर्मित जीमूतवाहन भगवान की प्रतिमा बनाकर पूजा की जाती है. इस दिन व्रती महिला को प्रातःकाल स्नान के बाद साफ़ वस्त्र धारण कर पूजा स्थल पर सूर्य नारायण और जीमूतवाहन की की प्रतिमा को स्नान कराकर स्थापित करना चाहिए. प्रतिमा के समक्ष धूप, दीप जलाकर सभी पूजन सामग्री और मिठाई अर्पित करे. सप्तमी तिथि को नहाए खाय के दिन सूर्यास्त से पहले खाना और जल ग्रहण कर व्रत की शुरुआत होती हैं अष्टमी तिथि को पूरे दिन निर्जल व्रत रखा जाता हैं. उसके बाद अगले दिन यानी नवमी तिथि को व्रत के पारण के साथ जीवित्पुत्रिका व्रत का समापन किया जाता है.

जितिया व्रत का महत्व Jivitputrika vrat ka Mahatva

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जीवित्पुत्रिका व्रत महाभारत के समय से रखा जाता आ रहा है. जो महिलाये इस व्रत को विधिपूर्वक रखती है और सही तरीके से नियमो का पालन करती है उन्हें संतान सुख और संतान की दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है.

जितिया व्रत के नियम Jitiya Vrat Ke Niyam

  1. जितिया व्रत 3 दिन तक चलता है तीनो दिन व्रत के सभी नियमो का पालन करना चाहिए। सप्तमी तिथि नहाय-खाय से लेकरपारण तक सात्विकता का ख्याल रखे तामसिक चीजों का इस्तेमाल ना करे.
  2. पहले दिन नहाय खाय के दिन सूर्यास्त से पहले भोजन और जल ग्रहण कर ले क्योकि इस व्रत में सपयामि के दिन सूर्यास्त के बाद कुछ भी नहीं खाया पिया जाता है.

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  1. व्रत के दौरान संयम रहकर व्रत का पालन करना चाहिए।
  2. धार्मिक मान्यता है की एक बार जितिया का व्रत रखने के बाद इसे हर साल करना चाहिए।
  3. जितिया व्रत को निर्जल करने की परंपरा है.
  4. जितिया व्रत तीसरे दिन व्रत का पारण करने के बाद ही खोलना चाहिए.
  5. इस व्रत के दिन जीमूतवाहन भगवान् की व्रत कथा सुननी चाहिए।
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