नवरात्री कलश स्थापना शुभ मुहूर्त Navratri Kalash Sthapana Muhurat
चैत्र नवरात्रि शुभ मुहूर्त 2023 Chaitra Navratri 2023 Muhurat
- साल 2023 में चैत्र नवरात्रि का पर्व 22 मार्च बुधवार से शुरू होकर 30 मार्च तक चलेगा|
- प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – 21 मार्च रात्रि 10:52 मिनट|
- प्रतिपदा तिथि समाप्त – 22 मार्च रात्रि 08:20 मिनट|
- कलश स्थापना शुभ मुहूर्त होगा – 22 मार्च प्रातःकाल 06:21 मिनट से प्रातःकाल 07:43 मिनट तक|
चैत्र नवरात्रि शुभ योग 2023 Chaitra Navratri Shubh Yog 2023
इस बार शक्ति की उपासना के त्योहार चैत्र नवरात्रि पर बेहद दुर्लभ योग का संयोग बन रहा है. इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल और ब्रह्म योग से हो रही है. नवरात्रि के पहले दिन 22 मार्च 2023 को ब्रह्म योग सुबह 9.18 से 23 मार्च को 06.16 मिनट तक रहेगा. वहीं शुक्ल योग 21 मार्च को प्रात 12.42 से 22 मार्च को सुबह 09.18 मिनट तक रहेगा.
कलश स्थापना नियम Kalash sthapana niyam
नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा तिथि में कलश या घट स्थापना की जाती है कलश स्थापना से पहले ध्यान रखे की साधक का मुंह पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए. जिस घर में कलश स्थापना होती है वहां साफ सफाई और पवित्रता बेहद जरुरी मानी गयी है. साथ ही कलश को ईशान कोण में ही स्थापित करना चाहिए. घटस्थापना के समय कलश का मुंह खुला न रखें. इसे ढक्कन से जरुर ढकें.ढक्कन को चावलों से भर दें और उसके ठीक बीचोबीच नारियल स्थापित करना चाहिए.
इसे भी पढ़े – जानें अपना वार्षिक राशिफल 2023.
कैसे करे कलश स्थापना Kalash Sthapana Vidhi
शास्त्रों के अनुसार चैत्र प्रतिपदा तिथि के दिन प्रातःकाल उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प ले और कलश स्थापना के लिए मिट्टी के बर्तन में सप्त धान्य बौ ले अब इसके उपपर जल से भरे कलश की स्थापना करे. सबसे पहले कलश में स्वास्तिक बनाये और इसमें साफ़ जल भरकर गंगाजल मिला ले. कलश में सिक्का, दूब, सुपारी और चावल डालकर कलश के ऊपरी भाग में कलावा बांध ले. कलश के ऊप्पर अशोक या आम के 5 पत्ते लगाए और फिर एक नारियल को लाल कपड़े से लपेटकर कलश के ऊपर स्थापित कर दें. इस तरह घटस्थापना पूर्ण होने के बाद समस्त देवी देवताओ का आह्वान कर विधिवत नौ दिनों तक माँ के नौ रूपों का पूजन करे.