शीतला अष्टमी के दिन क्यों चढ़ाते है बासी भोजन Sheetla Ashtami Kab Hai
शीतला अष्टमी शुभ मुहूर्त 2023 Sheetla Ashtami Vrat 2023
- साल 2023 में शीतला अष्टमी का व्रत 15 मार्च बुधवार को रखा जायेगा|
- अष्टमी तिथि शुरू होगी – 14 मार्च रात्रि 08:22 मिनट पर|
- अष्टमी तिथि समाप्त होगी – 15 मार्च सायंकाल 06:45 मिनट पर|
- पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – 15 मार्च प्रातःकाल 06:31 मिनट से सायंकाल 06:29 मिनट तक|
- पूजा की कुल अवधि 11 घंटे 58 मिनट की होगी|
शीतला अष्टमी पूजा विधि Sheetla Ashtami Puja Vidhi
पंचांग के अनुसार शीतला अष्टमी से एक दिन पहले सप्तमी तिथि को मीठा भात, खाजा, चूरमा, नमक पारे, बेसन की पकौड़ी और हलवा पूड़ी भोग के रूप में बनाया जाता है. अगले दिन यही भोग शीतला अष्टमी की पूजा में रखा जाता है शीतला अष्टमी के दिन प्रातःकाल शीतल जल से स्नान कर पूजा की थाली तैयार करे इसमें सप्तमी को बनाया हुआ भोग का सामान रखे. अब एक अन्य थाली में काजल, रोली, चावल, मौली, हल्दी व 1 लोटे में शीतल जल रखकर माता शीतला की पूजा करे. बासी भोजन का भोग लगाए. पूजा के बाद जल चढ़ाकर बचे हुए जल को घर के सभी सदस्यों की आँखों पर लगाए और कुछ जल को पूरे घर में छिड़क दे इससे घर की शुद्धि के साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
शीतला माता को क्यों लगता है बासी भोग Sheetla Ashtami Important Things
धर्म-पुराणों के अनुसार शीतला अष्टमी का व्रत करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है. इस दिन शीतला माता को बासी भोजन का भोग इसीलिए लगाया जाता है की इसके बाद गर्मी का मौसम शुरू हो जाता और गर्मियों में ताजे भोजन की सलाह दी जाती है इस तरह इस मौसम में बासी भोजन करने का ये आखिरी दिन माना जाता है. इसके अलावा शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि शीतला माता को ठंडी चीजें बहुत अधिक प्रिय हैं माँ को समर्पित भोजन पूरी तरह शीतल रहे, इसलिए उसे रात में ही बनाकर रख लिया जाता है।
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शीतला अष्टमी नियम Sheetla Ashtami Niyam
- मान्यता अनुसार शीतला अष्टमी के दिन शीतला माता को ठन्डे व बासी भोजन का भोग ही लगाना चाहिए.
- इस दिन गरम जल से स्नान नहीं करना चाहिए बल्कि इस दिन शीतल जल से स्नान करना शुभ होता है.
- शीतला अष्टमी के दिन मीठे पुए, दही और चावलों का भोग जरूर लगाए.
- इस दिन घर में झाड़ू लगाना वर्जित माना जाता है.
- इस दिन किसी भी मंदिर में सूप और झाड़ू का दान करना शुभ होता है.
- इस दिन माता शीतला को लगाए जाने वाले भोग में प्याज व लहसुन का प्रयोग न करे और खुद भी तामसिक भोजन ग्रहण ना करे.
- इस दिन लाल रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है.