Magh Pradosh Vrat 2022 Kab Hai माघ प्रदोष व्रत 2022 कब है

रवि प्रदोष व्रत पूजा विधि 2022 Pradosh Vrat Poja Vidhi

Magh Pradosh Vrat 2022Magh Pradosh Vrat 2022 प्रदोष व्रत प्रत्येक माह में दो बार कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव की आराधना प्रदोष काल यानि की दिन रात के मिलन का समय अर्थात शाम के समय करने की मान्यता है. इस साल माघ माह की कृष्ण त्रयोदशी 30 जनवरी रविवार के दिन पड़ रही है इसीलिए यह रवि प्रदोष व्रत होगा. आज हम आपको साल 2022 माघ माह के पहले प्रदोष व्रत की शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन किये जाने वाले महाउपाय के बारे में बताएँगे.

रवि प्रदोष व्रत तिथि शुभ मुहूर्त Pradosh Vrat January Month Date

  1. साल 2022 में माघ माह का पहला कृष्ण प्रदोष व्रत 30, जनवरी रविवार के दिन रखा जाएगा.
  2. प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – सायंकाल 05:59 मिनट से रात्रि 08:37 मिनट तक|
  3. माघ, कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ होगी – 29 जनवरी रात्रि 08:37 मिनट पर|
  4. माघ, कृष्ण त्रयोदशी समाप्त होगी – 30 जनवरी सायंकाल 05:28 मिनट पर|

रवि प्रदोष पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi

30 जनवरी रवि प्रदोष के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प ले और भगवान शिव की पूजा के लिए शिव प्रतिमा पूजा स्थल पर स्थापित करे या किसी शिव मंदिर में पूजा संपन्न करे प्रदोष काल में भगवान शिव का गंगाजल मिले जल से अभिसेक कर उन्हें बेल पत्र, अक्षत , फूल, धूप दीप, चंदन, फल, पान, सुपारी सभी पूजन सामग्री अर्पित करे और भगवान शिव के साथ-साथ मां पार्वती की भी विधिवत पूजा करे. यह रवि प्रदोष है और रविवार का संबंध सूर्य से होता है. इसीलिए इस दिन सूर्य उपासना भी जरूर करे. मान्यता है की चंद्रमा के साथ सूर्य भी आपके जीवन में सक्रिय रहते है. यदि जातक कुंडली में सुर्य कमजोर हो उसे यह व्रत करने के साथ ही भगवान् शिव के साथ सूर्य भगवान को जल का अर्घ्य देकर उनकी उपासना करने से सूर्य संबंधी सारी परेशानियां दूर हो जाती है.

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प्रदोष व्रत उद्यापन विधि Pradosh Vrat Udhyapan Vidhi

Magh Pradosh Vrat 2022 शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत का उद्यापन पूरे विधि विधान से अवश्य करना चाहिए इससे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है प्रदोष व्रत का उद्यापन त्रयोदशी तिथि के दिन ही करना शुभ होता है. उद्यापन से पहले श्री गणेश जी की पूजा करे त्रयोदशी के दिन प्रातःकाल स्नान के बाद ऊँ उमा सहित शिवाय नम: मंत्र का 108 बार जाप कर हवन कर ले.  हवन पूरा होने के बाद भगवान शिव की आरती और शान्ति पाठ करे. इसके बाद ब्रह्माण को भोजन कराकर उद्यापन की विधि पूरी करे.

रवि प्रदोष व्रत उपाय Ravi Pradosh Upay

शास्त्रों में प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने का दिन है अगर यह रवि प्रदोष हो तो इस दिन सूर्य देव और भोलेनाथ की विशेष कृपा एकसाथ प्राप्त की जा सकती है मान्यता है की इस दिन व्रत रखकर कुछ उपाय किये जाय तो व्यक्ति को भगवान् शिव के साथ सूर्य भगवान् की विशेष कृपा और मनोकामना की प्राप्ति होती है आइये जानते है इस दिन कौन से उपाय व्यक्ति को जीवन में सफलता दिलाते है.

  1. रवि प्रदोष के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और सबसे पहले व्रत का संकल्प लेकर सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल में शक्कर और लाल फूल डालकर अर्घ्य दें आज के इस उपाय से व्यक्ति को जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है.
  2. प्रदोष काल मे भगवान शिव को पंचामृत से स्न्नान कराकर बेलपत्र अर्पित कर साबुत चावल की खीर और फल का भोग अर्पण करे इससे मनोकामना पूरी होती है.
  3. रवि प्रदोष के दिन सूर्य स्तोत्र का पाठ करे इससे घर में सुख समृद्धि आती है.
  4. रवि प्रदोष के दिन पंचाक्षरी स्तोत्र कापाठ करना शुभ होता है.
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