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भाद्रपद गणेश चतुर्थी कब है 2025 Bhadrapad Ganesh Chaturthi 2025

गणेश चतुर्थी पूजा विधि Ganesh Chaturthi Vrat Pooja Vidhi

Bhadrapad Ganesh Chaturthi 2025 शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक माह की चतुर्थी गणेश जी को समर्पित होती है भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से 10 दिनों तक चलने वाले गणेश महोत्सव का प्रारम्भ होता है जिसका समापन भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अनंत चतुर्दशी को होता है. चतुर्थी के दिन से 10 दिनों के लिए घरो में गणेश की प्रतिमा स्थापित कर उनकी विशेष पूजा की जाती है मान्यता है इन 10 दिनों के दौरान की गयी पूजा बहुत फलदायी होती है आइये जानते है 2025 में भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी कब है, गणेश स्थापना मुहूर्त, महत्व और इसकी पूजा विधि क्या है|

भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2025 Ganesh Chaturthi 2025

  1. साल 2025 में भाद्रपद गणेश जन्मोत्सव 27 अगस्त से शुरू होकर 6 सितंबर तक चलेगा|
  2. चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – 26 अगस्त दोपहर 01:54 मिनट |
  3. चतुर्थी तिथि समाप्त – 27 अगस्त सायंकाल 03:44 मिनट |
  4. गणेश स्थापना शुभ मुहूर्त – 27 अगस्त सुबह 11:06 मिनट से दोपहर 01:40 मिनट

गणेश चतुर्थी स्थापना विधि Ganesh Chaturthi Vrat Puja Vidhi

गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की स्थापना करना बेहद शुभ होता है इस दिन प्रात: स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर सबसे पहले पूजास्थल को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध कर ले. अब भगवान गणेश जी का आह्वान और मंत्रोच्चार करते हुए एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर उसपर गणपति जी की प्रतिमा स्थापित करे. प्रतिमा को धूप-दीप, सिंदूर, पुष्प और 21 दूर्वा अर्पित करे. इसके बाद उनके प्रिय मोदक और लड्डू का भोग लगाए. गणपति बप्पा को दूर्वा अर्पित करते समय “ॐ गणाधिपताय नमः” मंत्र का जाप करे. पूजा के बाद लड्डुओं का प्रसाद सभी में वितरित करे इसी तरह 10 दिनों तक सुबह-शाम बप्पा की आराधना कर अनंत चतुर्दशी को विधिवत विसर्जन करना चाहिए.

गणेश चतुर्थी का महत्व Ganesh Chaturthi Importance

गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है इसका हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है। शास्त्रों में गणेश जी को प्रथम पूज्य माना गया है। किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य से पहले गणेश जी की पूजा करने पर कार्य निर्विघ्न संपन्न होते है। गणेश चतुर्थी के दिन बाप्पा की स्थापना कर 10 दिनों तक उनकी विधिवत पूजा कर अनंत चतुर्दशी को विधि-विधान के साथ विसर्जन करने से जीवन में आने वाली सभी तरह की बाधाएं और संकट दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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