पौष प्रदोष व्रत 2021 कब है 10 January 2021 Ravi Pradosh Vrat

रवि त्रयोदशी प्रदोष व्रत पूजा विधि 2021 Pradosh Vrat Poja Vidhi

पौष प्रदोष व्रत पौष प्रदोष व्रत – प्रदोष व्रत प्रत्येक माह में दो बार कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है. यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव की आराधना प्रदोष काल यानि की दिन रात के मिलन का समय अर्थात शाम के समय करने की मान्यता है. आज हम आपको साल 2021 में पहले प्रदोष व्रत की शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन किये जाने वाले महाउपाय के बारे में बताएँगे.

रवि प्रदोष व्रत तिथि शुभ मुहूर्त Pradosh Vrat January Month Date

  1. साल 2021 में पौष माह और साल का पहला प्रदोष व्रत 10, जनवरी रविवार के दिन रखा जाएगा.
  2. प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – सायंकाल 05:42 मिनट से 08:25 मिनट तक|
  3. पूजा की कुल अवधि 02 घण्टे 43 मिनट्स की होगी.
  4. पौष, कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ होगी – 10 जनवरी सायंकाल 04:52 बजे
  5. पौष, कृष्ण त्रयोदशी समाप्त होगी – 11 जनवरी सायंकाल 02:32 मिनट

रवि प्रदोष पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi

त्रयोदशी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प ले और भगवान शिव की पूजा के लिए शिव प्रतिमा पूजा स्थल पर स्थापित कर ले अब पूजा में भगवान शिव का जल से अभिसेक कर उन्हें बेल पत्र, अक्षत , फूल, धूप दीप, चंदन, फल, पान, सुपारी सभी पूजन सामग्री अर्पित करे और भगवान शिव के साथ-साथ मां पार्वती की भी विधिवत पूजा करे. यह रवि प्रदोष है और रविवार का संबंध सूर्य से होता है. इसीलिए इस दिन सूर्य उपासना भी जरूर करे. मान्यता है की चंद्रमा के साथ सूर्य भी आपके जीवन में सक्रिय रहते है. यदि जातक कुंडली में सुर्य कमजोर हो उसे यह व्रत करने के साथ ही भगवान् शिव के साथ सूर्य भगवान को जल का अर्घ्य देकर उनकी उपासना करने से सूर्य संबंधी सारी परेशानियां दूर हो जाती है.

प्रदोष व्रत उद्यापन विधि Pradosh Vrat Udhyapan Vidhi

शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत का उद्यापन पूरे विधि विधान से अवश्य करना चाहिए इससे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है प्रदोष व्रत का उद्यापन त्रयोदशी तिथि के दिन ही करना शुभ होता है. उद्यापन से पहले श्री गणेश जी की पूजा करे त्रयोदशी के दिन प्रातःकाल स्नान के बाद ऊँ उमा सहित शिवाय नम: मंत्र का 108 बार जाप कर हवन कर ले.  हवन पूरा होने के बाद भगवान शिव की आरती और शान्ति पाठ करे. इसके बाद ब्रह्माण को भोजन कराकर उद्यापन की विधि पूरी करे.

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रवि प्रदोष व्रत उपाय Ravi Pradosh Upay

शास्त्रों में रवि प्रदोष भगवान सूर्य और भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त करने का दिन है इसीलिए यदि इस दिन व्रत रखकर कुछ उपाय किये जाय तो व्यक्ति को भगवान् शिव के साथ सूर्य भगवान् की विशेष कृपा और मनोकामना की प्राप्ति होती है आइये जानते है इस दिन कौन से उपाय व्यक्ति को जीवन में सफलता दिलाते है.

  1. रवि प्रदोष के दिन सूर्य उदय होने से पहले उठकर स्नान के जल में गंगाजल डालकर स्नान करें और इसके बाद सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल में शक्कर और लाल फूल डालकर अर्घ्य दें आज के इस उपाय से व्यक्ति को जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है.
  2. शाम के समय अर्थात प्रदोष काल मे भगवान शिव को पंचामृत से स्न्नान कराकर साबुत चावल की खीर और फल का भोग अर्पण करने से मनोकामना पूरी होती है.
  3. यदि रवि प्रदोष के दिन सूर्य स्तोत्र का तीन बार पाठ किया जाय तो घर में सुख समृद्धि के साथ ही शांति का वास होता है.
  4. रवि प्रदोष करने वाले व्यक्ति को सुखी दांपत्य जीवन व आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है.
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