अमावस्या पूजा विधि Amavasya Puja Vidhi 2025
Paush Amavasya 2025 शास्त्रों में पौष के महीने में आने वाली अमावस्या बेहद खास होती है क्योकि पौष माह को छोटा पितृ पक्ष भी कहा जाता है. इस माह की अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान दान करने से पितरो का आशीर्वाद मिलता हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार अमावस्या पर तर्पण आदि शुभ काम करने से पितरों को शांति मिलती है आइये जानते है साल 2025 में पौष मास की अमावस्या कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त, स्नान-दान का सही समय, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले कुछ खास कार्य क्या है|
पौष अमावस्या शुभ मुहूर्त 2025 Paush Amavasya 2025 Date
- साल 2025 में पौष अमावस्या 19 दिसम्बर को है|
- अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 19 दिसम्बर प्रातःकाल 04:59 मिनट|
- अमावस्या तिथि समाप्त – 20 दिसम्बर प्रातःकाल 07:12 मिनट|
- अभिजित मुहूर्त – प्रातःकाल 11:58 मिनट से दोपहर 12:39 मिनट|
- स्नान-दान मुहूर्त – सुबह 05:19 मिनट से सुबह 06:14 मिनट|
- गोधूलि मुहूर्त – शाम 05:25 मिनट शाम 05:53 मिनट|
पौष अमावस्या विधि Paush Amavasya Pooja Vidhi
शास्त्रों के अनुसार अमावस्या को पितरो की तिथि माना जाता है. इस दिन पवित्र नदी या घर पर गंगाजल मिले जल से स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य देकर पितरों के निमित्त तर्पण व दान करना चाहिए। व्रत रखकर पूजा करे. शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इससे पितृ प्रसन्न होते है.
पौष अमावस्या उपाय Paush Amavasya upay
- पौष अमावस्या पर पितरों की आत्म शांति के लिए तर्पण, स्नान-दान और पूजा करना चाहिए
- अमावस्या के दिन स्नान के बाद ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप कर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए.
- इस दिन घर में सात्विक भोजन बनाकर पितरों के नाम से किसी ब्राह्मण को भोजन, वस्त्र, और धन का दान करे.
- अमावस्या की शाम पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाकर परिक्रमा करें.







