बसंत पंचमी पूजा विधि व नियम Basant Panchami Puja Vidhi Niyam 2022
Basant Panchami माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों में बसंत पंचमी पर्व का विशेष महत्व है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन बह्माजी द्वारा मां सरस्वती की उत्पत्ति हुई थी इसलिए इस दिन मां सरस्वती का जन्मोत्सव और उनकी पूजा की जाती है. साल 2022 में बसंत पंचमी 5 फ़रवरी को है इस दिन उत्तराभाद्रपद नक्षत्र रहेगा साथ ही इस दिन बुधादित्य और केदार योग का संयोग रहेगा जिस कारण इसका महत्व कहीं अधिक होगा. आज हम आपको साल 2022 में बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन कौन से कार्य करने वर्जित माने जाते है इस बारे में बताएँगे.
बसंत पंचमी तिथि व शुभ मुहूर्त 2022 Basant Panchami Kab hai 2022
- साल 2022 में बसंत पंचमी का पर्व 5 फ़रवरी शनिवार के दिन मनाया जाएगा|
- पंचमी तिथि आरंभ होगी – 5 फ़रवरी प्रातःकाल 03:47 मिनट पर|
- पंचमी तिथि समाप्त होगी – 6 फरवरी प्रातःकाल 03:46 मिनट पर|
- बसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – 5 फ़रवरी प्रातःकाल 07:07 मिनट से दोपहर 12:35 मिनट तक|
बसंत पंचमी पूजा विधि Basant Panchami saraswati Pooja Vidhi 2022
बसंत पंचमी के दिन प्रातःकाल स्नान के बाद पूजास्थल की सफाई कर चौक लगाएं और चौक पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं. इस चौक पर मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करे. आज के दिन पीले रंग का विशेष महत्व है इसीलिए प्रतिमा को पीले रंग के वस्त्र व फूल अर्पित करें. अब रोली, चंदन, हल्दी, पीली मिठाई पीली बूंदी या लड्डू और पीले अक्षत प्रतिमा को अर्पित करें। पूजा के स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबों रखकर इनकी भी पूजा करे. इसके बाद मां सरस्वती की वंदना का पाठ कर ले. आज के दिन माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी की पूजा भी करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है.
बसंत पंचमी पर क्या ना करें Basant panchami tips
Basant Panchami इस साल बसंत पंचमी उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र, बुधादित्य, सिद्ध योग और केदार योग के संयोग में मनाई जाएगी. ज्योतिष अनुसार इन शुभ योगो और शुभ दिन पर सभी को कुछ विशेष नियमो का पालन करते हुए माँ की आराधना करनी चाहिए ताकि आपको माँ सरस्वती के आशीर्वाद विद्या, धन और सुख समृद्धि की प्राप्ति हो सके. आइये जानते है इस दिन बरती जाने वाली सावधानिया क्या है.
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- इस दिन बिना स्नान किये भोजन नहीं करना चाहिए.
- बसंत पंचमी पर पीले रंग का विशेष महत्व माना गया है. मां सरस्वती को भी पीला रंग काफी पसंद है इसलिए बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा के दौरान किसी अन्य रंग के बजाय मां को पीले रंग का वस्त्र अर्पित करे और खुद भी पीले वस्त्र पहने हैं यह बहुत शुभ होता है.
- शास्त्रों की माने तो बसंत पंचमी के दिन पेड़-पौधे, फसल या पौधों की कटाई छंटाई से परहेज करना चाहिए क्योंकि इस दिन से बसंत ऋतु का आगमन होता है.
- बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के दिन भूलकर भी क्रोध न करें और ना ही किसी को अपशब्द बोले बल्कि इस दिन अच्छी सोच और शुभ ही बोलना चाहिए.
- इस दिन तामसिक चीजों का सेवन न करे और ब्रह्मचर्य का पालन करे.