वट सावित्री शुभ संयोग 2020 Vat Savitri Vrat Shubh Sanyog 2020   

वट सावित्री शुभ संयोग 2020 वट सावित्री व्रत पूजा विधि Vat Savitri Vrat Puja Upay

वट सावित्रीवट सावित्री व्रत सभी सुहागन महिलाओं के लिए बहुत खास है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए यह व्रत करती हैं. कहा जाता है कि जो भी सच्चे मन से इस दिन व्रत का पालन करता है उसे पति की लंबी आयु और पारिवारिक जीवन में सुख शांति का आशीर्वाद मिलता है. यह व्रत हर साल ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को रखा जाता है। ज्योतिष की माने तो इस बार वट अमावस्या पर बेहद अधभुद संयोग बन रहा है जिस कारन इस व्रत का महत्व और भी अधिक बढ़ जाएगा आज हम आपको इस वीडियो में वट सावित्री के दिन बनने वाले शुभ योग और इस शुभ योग में किये जाने वाले एक चमत्कारिक उपाय के बारे में बताएँगे.

वट सावित्री व्रत तिथि शुभ मुहूर्त Vat Savitri Vrat Shubh Muhurat 2020

  1. साल 2020 में वट सावित्री का व्रत 22 मई शुक्रवार के दिन रखा जाएगा|
  2. अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 21 मई गुरुवार शाम 09:35 मिनट पर|
  3. अमावस्या तिथि समाप्त होगी- 22 मई शुक्रवार शाम 11:08 मिनट पर|

वट सावित्री महासंयोग Vat Savitri Mahasanyog 2020

साल 2020 में ज्येष्ठा अमावस्या का व्रत 22 मई शुक्रवार के दिन को है। हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को शनि जयंती भी मनाई जायगी जो 21 मई 2020 से शुरू होकर 22 मई सुबह 11 बजे रहेगी। मान्यता है कि वट सावित्री के दिन सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी इसीलिए इस शुभ योग में यदि सच्चे मन से व्रत रखा जाय और कुछ उपाय किये जाय तो व्यक्ति की हर मनोकामना अवश्य ही पूरी होती है.

वट अमावस्या शुभ योग उपाय Vat Savitri Shubh Yog Upay 

  1. शनि देव कर्मफल प्रदाता और सभी 9 ग्रहों में न्यायाधीश माने गए है क्योकि वट अमावस्या के दिन ही शनि जयंती और साथ ही माँ लक्ष्मी जी का दिन माने गए शुक्र का बेहद खूबसूरत संयोग बन रहा है इसीलिए आज के दिन अखंड सौभाग्य और मनोकामना प्राप्ति के लिए कुछ उपाय आपको जरूर करने चाहिए तो आइये जानते है ये उपाय क्या है.
  2. शनि देव का जन्म ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि पर हुआ है। इसीलिए आज के दिन शनि देव को तेल का दान करने और शनि मंत्र ऊँ शं शनैश्चराय नम: का जाप करने से शनि देव की विशेष कृपा प्रप्त होती है
  3. शनि देव को प्रसन्न करने के लिए और मनोकामना प्राप्ति के लिए वट सावित्री के दिन शनि जयंती के इस शुभ योग में पीपल के पेड़ की विशेष रूप से पूजा कर आशीर्वाद जरूर प्रप्त करे.
  4. ज्येष्ठा अमावस्या और शनि जयंती के इस शुभ संयोग में सूर्य देव को जल का अर्घ्य देकर शनि पाठ जरूर करे.
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