पूजाघर से जुड़े वास्तु टिप्स House Temple Vastu
नटराज की मूर्ति Vastu tips for house temple
नटराज भगवान शिव का ही एक रूप है। वास्तुविज्ञान की यदि माने तो भगवन शिव के नटराज रूप वाली प्रतिमा घर में कभी नहीं रखनी चाहिए। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि भगवान शिव जब रौद्र रूप में होते है तब तांडव नृत्य करते हैं जो शुभता का सूचक नहीं है घर के पूजा स्थल में इस मूर्ति के होने के कारण कलेश का वातावरण उत्पन्न हो सकता है घर में नकरत्नमाकता में वृद्धि हो सकती है ये मूर्ति घर के सदस्यों के बीच मनमुटाव का कारण भी बन सकती है. इसीलिए नटराज की मूर्ति घर के पूजास्थल में भूलकर भी ना रखे.
शनि देव की मूर्ति vastu tips for home temple
शास्त्रों के अनुसार यूँ तो शनिदेव को पूरे ब्रह्माण्ड का न्यायाधीश माना गया है और शनि ग्रह को शांत करने के लिए उनकी आराधना भी की जाती है. लेकिन वास्तुशास्त्र अनुसार शनि महाराज की मूर्ति को घर के पूजा स्थल पर कभी नहीं रखना चाहिए क्योकि शनि देव को एकांत, विरह, उदासीनता और वैराग के देवता भी माना गया है जिस कारण उनकी प्रतिमा का घर में होना घर के सदस्यों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और व्यक्ति घर की जिम्मेदारियों के प्रति उदासीन हो सकता है. इसीलिए पूजास्थल में शनिदेव की प्रतिमा भूलकर भी नहीं रखनी चाहिए.
महाकाली व कालरात्रि vastu for house temple direction
वास्तु शास्त्र में बताया गया है की घर के पूजा स्थल पर हमेशा देवी देवताओं की सौम्यता को दर्शाने वाले रूप की मूर्ति ही रखनी चाहिए। देवी माँ की कालरात्रि या महाकाली स्वरूप की मूर्ति उनके उग्र रूप का प्रतीक मानी जाती है इसलिए माँ के इस रूप की मूर्ति घर में भूलकर भी नहीं रखनी चाहिए. घर में माँ के इस रौद्र रूप की मूर्ति रखने से घर में क्रोध के वातावरण में वृद्धि होती है और घर के सदस्यों के बीच आपसी मनमुटाव पैदा होने लगता है.
भैरव नाथ की मूर्ति vastu tips for home
भैरव नाथ को साक्षात् भगवान शिव के अवतार के साथ ही समस्त तंत्र मंत्र के स्वामी भी माना गया है. तंत्र मंत्र के द्वारा ही इनकी साधना की जाती है। इनकी पूजा और साधना कोई आसान काम नहीं है इसीलिए घर के पूजा स्थल पर बाबा भैरव नाथ जी की प्रतिमा कभी नहीं रखनी चाहिए. घर में रखी इस तरह की प्रतिमा पारिवारिक जीवन में सुख शांति और प्रेम में अवरोध उत्पन्न कर सकती है.
खड़ी हुई महालक्ष्मी जी की मूर्ति mandir ka vastu
ये तो हम सभी चाहतेहै की हमारे घर में माँ लक्ष्मी स्थायी रूप से निवास करे और माता के घर में स्थायी रूप से निवास करने के लिए या घर में समृद्धि बनाये रखने के लिए उनकी बैठी हुयी तस्वीर ही लगनी चाहिए. देवी महालक्ष्मी की खड़ी हुयी मूर्ति उनके चलायमान होने का संकेत देता है अर्थात वो कभी भी जा सकती है इसीलिए वास्तुअनुसार घर के पूजास्थल में देवी महालक्ष्मी की खड़ी हुयी मूर्ति या तस्वीर के बजाय कमल पुष्प पर विराजमान तस्वीर ही लगानी चाहिए.