उत्पन्ना एकादशी 2023 Utpanna Ekadashi Kab Hai 2023

उत्पन्ना एकादशी शुभ मुहूर्त Utpanna Ekadashi Shubh Muhurat 2023

Utpanna Ekadashi Kab Hai 2023Utpanna Ekadashi Kab Hai 2023 मार्गशीर्ष मास को अगहन मास भी कहते है पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी उत्पन्ना या उत्पत्ति एकादशी कही जाती है. इस माह में आने वाली एकादशी का विशेष महत्व है प्राचीन मान्यताओं के अनुसार इसी दिन एकादशी माता का जन्म माना गया है इसीलिए इसे उत्पन्ना एकादशी कहते है. इस दिन भगवान् विष्णु जी की आराधना से पूर्वजन्म और वर्तमान दोनों जन्मों के पाप कर्म नष्ट हो जाते है. आइये जानते है साल 2023 उत्पन्ना एकादशी व्रत की सही तिथि, पूजा व पारण का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत के जरूरी नियम क्या है|

उत्पन्ना एकादशी कब है 2023 Utpanna Ekadashi Date Time 2023

  1. पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह उत्पन्ना एकादशी तिथि की शुरुआत होगी – 8 दिसंबर सुबह 05.06 मिनट|
  2. जबकि इसका समापन होगा 9 दिसंबर सुबह 06.31 मिनट पर|
  3. एकादशी का व्रत उदयातिथि के अनुसार किया जाता है. वहीं जब एकादशी तिथि दो दिन पड़ रही हो तो ऐसे में गृहस्थ यानि स्मार्त संप्रदाय वालों को पहले दिन एकादशी व्रत करना चाहिए. और दूसरे दिन वैष्णव संप्रदाय को व्रत कारण चाहिए|
  4. ऐसे में गृहस्थ जीवन वालो के लिए उत्पन्ना एकादशी 8 दिसंबर को मान्य होगी और 9 दिसंबर को वैष्णव संप्रदाय के लोग उत्पन्ना एकादशी का व्रत करेंगे.

उत्पन्ना एकादशी पारण मुहूर्त 2023 Utpanna Ekadashi Paaran Muhurat 2023

  1. पंचांग के अनुसार गृहस्थ जीवन वाले जो लोग 8 दिसंबर को उत्पन्ना एकादशी व्रत कर रहे हैं उन्हें 9 दिसंबर को दोपहर 01.15 मिनट से दोपहर 03.20 मिनट के बीच व्रत पारण करना चाहिए|
  2. वहीं वैष्णव संप्रदाय के लोग जो 9 दिसंबर को व्रत करेंगे उन्हें 10 दिसंबर सुबह 07.02 मिनट से सुबह 07.13 के बीच उत्पन्ना एकादशी का व्रत पारण करना चाहिए |

उत्पन्ना एकादशी पूजा विधि Utpanna Ekadashi Vrat puja Vidhi

शास्त्रों के अनुसार एकादशी की सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. पूजास्थल पर एक साफ चौकी में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित कर धूप दीप जलाये और भगवान विष्णु को चन्दन का तिलक कर पीले फल-फूल व नैवेद्य अर्पण करे. पूजा में विष्णु मंत्रो का जाप करे, एकादशी व्रत कथा पढ़े या सुने अंत में आरती कर सभी में प्रसाद वितरण करना चाहिए.

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उत्पन्ना एकादशी व्रत रखने के नियम Utpanna Ekadashi Niyam 2023

  1. शास्त्रों के अनुसार एकादशी व्रत में तामसिक भोजन जैसे प्याज़, लहसुन, बासी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.
  2. उत्पन्ना एकादशी के दिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप जकरते रहना चाहिए.
  3. इस दिन चावलों का सेवन वर्जित माना गया है.
  4. उत्पन्ना एकादशी व्रत के नियम एक दिन पूर्व दशमी से ही शुरू हो जाते हैं और यह व्रत द्वादशी पर समाप्त होता है.
  5. दशमी तिथि पर सूर्यास्त से पहले भोजन कर लें।
  6. व्रत के बाद ब्राह्मण या जरूरतमंदो को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा देकर विदा करें।
  7. एकादशी व्रत के अगले दिन व्रत का पारण करना चाहिए।
  8. एकादशी के दिन तुलसी में जल नहीं देना चाहिए और ना ही तुलसी की पत्तिया तोड़नी चाहिए|
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