नवरात्रि सातवां दिन डेट टाइम मुहूर्त Navratri Seventh Day Puja Vidhi

नवरात्रि सातवां दिन रंग, भोग, पूजा विधि Navratri Maa Kaalratri Mantra Bhog

Navratri Seventh Day Puja Vidhi

Navratri Seventh Day Puja Vidhi पौराणिक कथाओ के अनुसार मां दुर्गा का सातवां स्वरुप कालरात्रि कहलाता है. नवरात्री के सातवे दिन देवी कालरात्रि की पूजा अर्चना की जाती है मान्यता ही की नवरात्रो की सप्तमी तिथि बेहद महत्वपूर्ण होती है आज के दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति और भय से मुक्ति मिलती है माँ को शुभंकरी भी कहा जाता है। सप्तमी तिथि के दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से आकस्मिक संकटों से छुटकारा मिलता है. आज हम आपको साल 2022 शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि स्वरूप, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, माँ के पसंदीदा भोग, रंग, मंत्र और इस दिन किये जाने वाले लाभकारी उपाय के बारे में बतायेगे.

सातवां नवरात्रि व्रत शुभ मुहूर्त Navratri seventh Day Date Time

  1. साल 2022 में सप्तमी या सातवां नवरात्रि व्रत 2 अक्टूबर रविवार को रखा जायेगा|
  2. सप्तमी तिथि प्रारम्भ – 01, अक्टूबर रात्रि 08:46 मिनट पर|
  3. सप्तमी तिथि समाप्त – 02, अक्टूबर सायंकाल 06:47 मिनट पर|
  4. अभिजित मुहूर्त होगा – सुबह 11:47 मिनट से 12:34 मिनट तक|

मां कालरात्रि का स्वरुप Maa Kaalratri Swaroop

मां कालरात्रि अपने भक्तों को शुभ फल प्रदान करती हैं इसीलिए इन्हे शुभंकरी भी कहा गया है। मां कालरात्रि देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों में सातवां स्वरुप हैं। इनका रंग कृष्ण वर्ण है, काला रंग होने के कारण ही इन्हे कालरात्रि कहा जाता है। माँ गर्दभ पर सवार रहती है और इनके केश खुले हैं। माँ की चार भुजाये है ये दोनों बाएं हाथों में कटार और लोहे का कांटा धारण किये हुए हैं। वहीं माँ के दो दाये हाथ अभय मुद्रा और वरमुद्रा में हैं। माँ कालरात्रि गले में एक सफेद माला धारण किये रहती है.

मां कालरात्रि पसंदीदा रंग, फूल व भोग Maa Kaalratri Bhog

नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित है. देवी माँ के इस रूप को भोग के रूप में गुड़ बहुत पसंद है इसलिएनवरात्रो की सप्तमी के दिन माँ को गुड़ का भोग लगाना शुभ माना जाता है मान्यता है कि आज के दिन मां को गुड़ का भोग चढ़ाने और ब्राह्मणों को गुड़ का दान करने से वह जल्दी प्रसन्न होती हैं मां का पसंदीदा रंग लाल रंग है और माँ को गुड़हल का फूल प्रिय है.

माता माँ कालरात्रि पूजन विधि Maa Kaalratri Puja Vidhi

शास्त्रों के अनुसार देवी कालरात्रि स्वरुप की पूजा से जातक को भय से मुक्ति और उसकी हर मनोकामना पूरी होती है नवरात्रि की सप्तमी तिथि को प्रातःकाल स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करे और व्रत का संकल्प लेकर भगवान गणेश जी, सभी देवी देवताओ और देवी मां कालरात्रि का स्मरण कर उनका आह्वाहन करे. पूजास्थल में धूप-दीप जलाये अब माता को कुमकुम, रोली, अक्षत्, धूप, गंध, गुड़हल के पुष्प, 5 प्रकार के फल और गुड़ का भोग अर्पित करे. इसके बाद मां कालरात्रि के मंत्रों का जाप करे और मां कालरात्रि की व्रत कथा पढ़कर आरती करें.

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देवी कालरात्रि को प्रसन्न करने का उपाय Maa Kaalratri Puja Vidhi Upay

नवरात्री के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा और साधना मध्यरात्रि में करना लाभकारी होता है मान्यता है की इस दिन मां की आंखें खुलती हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं जल्द ही पूरी होती है माता को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के सातवें दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर मां कालरात्रि का उनका प्रिय गुड़हल का पुष्प अर्पित करें. विशेष मनोकामना के लिए 108 बार नवार्ण मंत्र “ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे”. पढ़ते हुए एक-एक लौंग मां कालरात्रि को चढ़ाते जाएं. अंत में 108 लौंग को इकठ्ठा करके प्रज्वलित कर दे. इस उपाय से आपको सुख, यश, वैभव और शत्रुओ पर विजय प्राप्त होती है.

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