महाशिवरात्रि शुभ संयोग 2021 Maha Shivratri Shubh Sanyog 2021
महाशिवरात्रि 2021- महाशिवरात्रि का त्यौहार शिव भक्ति के लिए बहुत ख़ास माना जाता है शिवपुराण के अनुसार प्रत्येक साल में महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन आती है. ज्योतिष अनुसार साल 2021 में महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च गुरुवार के दिन मनाया जायेगा इस दिन सुबह 09:22 मिनट तक महा कल्याणकारी शिवयोग रहेगा इसके बाद सिद्धयोग शुरू होगा जो सभी कार्यों में सिद्धि दिलाने वाला माना जाता है. मान्यता है की भगवान शिव जितनी जल्दी प्रसन्न होते है उतनी ही जल्दी रुष्ट भी हो जाते है इसीलिए शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि शिव पूजा में कुछ बातो का विशेष रूप से ध्यान रखना बहुत जरूरी है. तो चलिए जानते हैं इस दिन क्या न करें।
सुबह देर तक ना सोये Maha Shivratri 2021 Shiv Puja Niyam
महाशिवरात्रि के दिन देर तक नहीं सोना चाहिए यह दिन महादेव को प्रसन्न करने के लिए बेहद खास माना जाता है इस दिन प्रातःकाल उठकर भगवान शिव की आराधना व उनका जलाभिषेक करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है जो लोग इस दिन व्रत न रख सके उन्हें कोशिश करनी चाहिए की प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान के बाद भगवान शिव की आराधना के बाद ही भोजन ग्रहण करे इससे जीवन में शुभता बढ़ती है.
टूटे चावल का प्रयोग न करे Maha shivratri 2021 Shiv Puja Niyam
शास्त्रों में ऐसी मान्यता है की टूटे हुए चावल पूजा में प्रयोग नहीं करने चाहिए क्योकि टूटे चावल खंडित और अपूर्ण माने जाते है और पूजा में खंडित चीजों को निषेध बताया गया है महाशिवरात्रि के दिन इस बात का विशेष ख्याल रखे कि शिव की पूजा के दौरान टूटे हुए चावल न चढ़ाये.
तुलसी के पत्ते Maha Shivratri 2021 Shiv Puja Niyam
शास्त्रों में तुलसी को पूजनीय माना गे अहइ लेकिन तुलसी का प्रयोग शिव पूजा में निषेद बताया गया है कथाओ के अनुसार जलंधर नामक असुर की पत्नी वृंदा के अंश से ही तुलसी की उत्पत्ति मानी गयी है जिसे भगवान विष्णु द्वारा पत्नी रूप में स्वीकार किया गया है। तुलसी को भगवान विष्णु जी की पत्नी का दर्जा प्राप्त होने के कारण ही शिव पूजा में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
खंडित बिल्व पत्र Maha Shivratri 2021 Shiv Puja Niyam
भगवान शिव की पूजा में बिल्व पत्र का विशेष महत्व होता है कहते है की पूजा में उन्हें बेलपत्र अर्पित करने से वे जल्दी प्रसन्न हो जाते है ध्यान रखे शिवरात्रि पर तीन पत्रों वाला बेलपत्र ही शिव को अर्पित करें बेलपत्र को भगवान शिव के तीनो नेत्रों से जोड़ा गया है खंडित या कटे फटे बिल्वपत्र शिव पूजा में निषेध है साथ ही बेलपत्र के डंठल चढ़ाते समय आपकी तरफ होने चाहिए.
शंख का प्रयोग Maha Shivratri 2021 Shiv Puja Niyam
मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने शंखचूड़ नमक एक असुर का वध किया था जो भगवान विष्णु जी का बहुत बड़ा भक्त था. शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है इसलिए भगवान विष्णु जी की पूजा तो शंख से होती है लेकिन शिव पूजा में शंख का इस्तेमाल वर्जित होता है.
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हल्दी व कुमकुम Maha Shivratri 2021 Shiv Puja Niyam
कुमकुम को सौभाग्य का प्रतीक तो वही हल्दी सौन्दर्य प्रसाधन का साधन मानी जाती है जबकि भगवान शिव वैरागी है पौराणिक कथाओ के अनुसार भगवान शिव को उनकी पूजा के समय कुमकुम, रोली या हल्दी से तिलक नहीं किया जाता बल्कि भगवान शिव को चन्दन व भष्म से तिलक करना शुभ होता है.