Utpanna Ekadashi 2020 Date Time Shubh Muhurat उत्पन्ना एकादशी 2020

उत्पन्ना एकादशी 2020 तिथि व शुभ मुहूर्त Utpanna Ekadashi 2020

Utpanna Ekadashi Utpanna Ekadashi – मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है. प्राचीन मान्यताओं के अनुसार उत्पन्ना एकादशी के दिन एकादशी माता का जन्म माना गया है जिस कारण इस एकादशी का नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा. इस दिन भगवान् विष्णु जी की आराधना से भक्तो को उसके पूर्वजन्म और वर्तमान दोनों जन्मों के पापो से छुटकारा मिलता है. आज हम आपको साल 2020 उत्पन्ना एकादशी व्रत की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत के जरूरी नियमो के बारे में बताएँगे.

उत्पन्ना एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त 2020 Utpanna Ekadashi Date Time 2020

  1. साल 2020 में उत्पन्ना एकादशी 10 दिसंबर गुरुवार को है |
  2. एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी – 10 दिसम्बर शाम 12:51 मिनट पर|
  3. एकादशी तिथि समाप्त – 11 दिसम्बर प्रातः 10:04 मिनट पर|
  4. उत्पन्ना एकादशी व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त होगा- दोपहर 01:17 मिनट से सायंकाल 03:21 मिनट तक |

उत्पन्ना एकादशी पूजा विधि Utpanna Ekadashi Vrat puja Vidhi

शास्त्रों में एकादशी व्रत बेहद ख़ास होता है इस व्रत के नियमों का पालन व्रती को दशमी तिथि से ही कर देना चाहिए. अगले दिन एकादशी को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान के बाद एक साफ चौकी लेकर उस पर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करे और पूजा में भगवान विष्णु को फल, फूल, नैवेद्य अर्पण करते हुए धूप व दीप दिखाकर विधि-विधान से पूजा करे. पूजा में लगातार विष्णु मंत्रो का जाप करे और एकादशी की व्रत कथा पढ़ने या सुनने के बाद सभी में प्रसाद वितरण करे.

उत्पन्ना एकादशी का महत्व Utpanna Ekadashi Importance

शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने से लोगों के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं. अगर कोई व्यक्ति एकादशी व्रत शुरू करना चाहते हैं तो उत्पन्ना एकादशी से व्रत शुरू करना श्रेठ होता है. एकादशी का व्रत भगवान श्रीहरि और श्रीकृष्ण को समर्पित हैं. अगर इस दिन विधि-विधान से पूजा की जाए तो व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं.

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उत्पन्ना एकादशी व्रत रखने के नियम Utpanna Ekadashi Niyam 2020

  1. एकादशी व्रत बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसीलिए एकादशी व्रत करने की इच्छा रखने वाले व्रती को दशमी से ही कुछ जरूरी नियमों का पालन करना चाहिए।
  2. उत्पन्ना एकादशी के दिन हो सके तो निर्जल उपवास रखना चाहिए.
  3. एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ साथ श्री कृष्णा और अपने इष्ट-देव की भी उपासना करें.
  4. इस दिन तामसिक आहार जैसे प्याज़, लहसुन,बासी भोजन का सेवन बिलकुल न करे.
  5. उत्पन्ना एकादशी के दिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए.
  6. एकादशी के दिन किसी के भी साथ दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए.
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