नवरात्रि तीसरा चौथा दिन शुभ मुहूर्त विधि | Shardiya Navratri Third Day Vidhi

नवरात्रि तीसरा चौथा दिन शुभ मुहूर्त Navratri Teesra Din Puja Vidhi

Shardiya Navratri Third Day VidhiShardiya Navratri Third Day Vidhi पौराणिक कथाओ के अनुसार नवरात्रि के नौ दिनों में माँ के नौ अलग अलग रूपों की पूजा होती है पंचांग के अनुसार इस बार चतुर्थी तिथि का क्षय होने के कारण तीसरा और चौथा नवरात्र एक ही दिन पड़ेगा. नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्गा माँ के तीसरे स्वरुप देवी चंद्रघंटा की पूजा और चौथे दिन माँ कुष्मांडा की पूजा आराधना की जाती है आज हम आपको साल 2021 शारदीय नवरात्रि के तीसरे और चौथे व्रत की तिथि माता के स्वरुप, पूजा विधि और इस दिन के जरूरी नियमो व ध्यान राखी जाने वाली बातो के बारे में बताएँगे.

शारदीय नवरात्रि तीसरा व चौथा दिन शुभ तिथि Navratri Third and Fourth day worship

  1. पंचांग के अनुसार साल 2021 में चतुर्थी तिथि का क्षय होने के कारण शारदीय नवरात्रि का तीसरा और चौथा नवरात्री व्रत एक ही दिन रखा जायेगा.
  2. तीसरे और चौथे नवरात्री की तिथि होगी -09 अक्टूबर शनिवार
  3. तीसरे दिन मां चंद्रघंटा व मां कुष्मांडा की पूजा होगी।
  4. पंचांग के अनुसार तृतीया तिथि 9 अक्टूबर शनिवार को सुबह 07:48 मिनट तक ही रहेगी इसके बाद चतुर्थी तिथि शुरू हो जाएगी। जो 10 अक्टूबर को सुबह 5:00 बजे तक रहेगी।

देवी चंद्रघंटा स्वरुप व पूजन विधि Goddess Chandraghanta worship

नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। मां दुर्गा का यह रूप बेहद सुंदर, मोहक और अलौकिक है। चंद्र के समान मां के इस रूप से दिव्य सुगंधियों और दिव्य ध्वनियों का आभास होता है। माँ का वाहन सिंह है इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है इसलिए इन्हें देवी चंद्रघंटा कहा जाता है। तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा से पहले सभी देवी देवताओ का आह्वाहन करे और फिर मा चंद्रघंटा को पंचामृत से स्नान कराये शास्त्रों के अनुसार इस दिन माता रानी की पूजा में क्रीम व भूरे रंग के वस्त्रो का प्रयोग कर माँ को कमल व शंखपुष्पी के फूल अर्पण करे और उन्हें दूध या दूध से बनी मिठाई या खीर का भोग लगाया जाय इसके बाद हाथों में फूल लेकर प्रार्थना करते हुए माँ के मन्त्र ओम देवी चन्द्रघंटाय नमः का जाप करे.

देवी कूष्माण्डा स्वरुप व पूजा विधि Goddess Kushmanda worship

देवी कूष्मांडा आदिशक्ति का चौथा है. इनकी आठ भुजाएं और ये सिंह पर सवार रहती हैं। मां के हाथों में चक्र, गदा, धनुष, कमण्डल, अमृत से भरा हुआ कलश, बाण और कमल का फूल है. चौथे दिन माता कूष्माण्डा की विधिवत पूजा अर्चना करे सबसे पहले स्नान कर हरे रंग के वस्त्र पहने. अब पूजास्थल पर स्थापित कलश, माता की प्रतिमा और अन्य सभी देवी देवताओं का आह्वाहन कर पूजा करे. अब हाथो में फूल लेकर माँ के चौथे स्वरुप देवी कूष्माण्डा की पूजा करे और साथ ही सच्चे मन से माँ का ध्यान करे. इस प्रकार विधिपूर्वक की गयी माँ की पूजा से साधक, भक्त व श्रधालुओं को माता कूष्माण्डा सफलता व सुख प्रदान करती हैं और भक्तो के सभी प्रकार के कष्ट दूर कर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करती है.

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आज भूल से भी न करे ये गलतियां Navratri Niyam

नवरात्रि के इन खास दिनों में माँ की भक्ति व आराधना कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है इसीलिए दुर्गा पूजा पर्व के दौरान माँ की पूजा अर्चना के समय सभी को कुछ नियमो का पालन करना चाहिए इससे आपको माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और माँ की कृपा आप पर सदैव बानी रहती है.

  1. नवरात्रि के प्रत्येक दिन की तरह इस दिन भी पूरे विधि-विधान से साथ देवी दुर्गा की पूजा अर्चना करे और उन्हें उनकी प्रिय चीजे अर्पित करे.
  2. नवरात्रि के दौरान रोज सुबह जल्‍दी स्‍नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करे और फिर पूजा स्‍थल की भी सफाई कर नियमानुसार पूजा करें.
  3. नवरात्री के दौरान सुबह के अलावा शाम को भी विधिवत पूजा कर घी का दीपक लगाकर आरती करें.
  4. अगर आपने अखंड ज्‍योति प्रज्‍वलित की है तो उसके 9 दिन इसका है ध्यान रखे.
  5. नवरात्री के दिनों में पूर्णरूप से सात्विकता का ख्याल रखे और माँ को भोग जरूर लगाए.
  6. इस दिन की का अपमान या निरादर न करे
  7. अगर आपके द्वार पर कोई जरूरतमंद आ जाय तो अपनी श्रद्धा अनुसार उसे दान जरूर करे.
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