सावन सोमवार पूजा विधि Sawan Somwar 2022
Sawan Somwar Vrat शास्त्रों में सावन मास का बड़ा महत्व माना गया है इस महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना और जलाभिषेक की परंपरा है क्योकि यह महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना है। पंचांग के अनुसार सावन के महीने के सोमवार सर्वाधिक महत्वपूर्ण होते है शिवपुराण के अनुसार जो भी व्यक्ति सावन सोमवार के व्रत रखता है भगवान् शिव उसकी सभी इच्छाओ को जल्द ही पूरा करते है. आज हम आपको साल 2022 में सावन महीने के सोमवार की शुभ तिथियां, महत्व और शिव को प्रसन्न करने के लिए इस महीने की जाने वाली विशेष पूजा विधि के बारे में बताएँगे.
उत्तर भारत के लिए सावन सोमवार तिथियां – Sawan Somwar all Dates
साल 2022 में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखण्ड के लिए सावन महीने की शुरुआत 14 जुलाई गुरुवार से होगी और इसकी समाप्ति 12 अगस्त शुक्रवार के दिन होगी। इस बार सावन में कुल 4 सोमवार पड़ेंगे।
- 18 जुलाई सोमवार, पहला सावन सोमवार व्रत
- 25 जुलाई सोमवार, दूसरा सावन सोमवार व्रत
- 1 अगस्त सोमवार, तीसरा सावन सोमवार व्रत
- 8 अगस्त सोमवार, चौथा सावन सोमवार व्रत
पश्चिम और दक्षिण भारत के लिए सावन सोमवार तिथियां होंगी –
इन सभी के लिए सावन माह की शुरुवात 29 जुलाई से होगी और इसकी समाप्ति 27 अगस्त को होगी|
- 1 अगस्त सोमवार पहला सावन सोमवार व्रत
- 8 अगस्त सोमवार दूसरा सावन सोमवार व्रत
- 15 अगस्त सोमवार तीसरा सावन सोमवार व्रत
- 22 अगस्त सोमवार चौथा सावन सोमवार व्रत
सावन सोमवार पूजा विधि Sawan Somwar Pujan Vidhi
Sawan Somwar Vrat सावन का पूरा महीना शिव को समर्पित है इस महीने शिवभक्त कावड़ यात्रा शुरू करते है इस महीने आने वाले सावन सोमवार, सोलह सोमवार और प्रदोष व्रत बहुत शुभ होते है इस माह में प्रातः जल्दी उठकर स्नान के बाद पूजास्थल को स्वच्छ कर शिव पूजन करना चाहिए. शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करें महादेव के साथ माता पार्वती और नंदी को भी गंगाजल या दूध अर्पित करे। इसके बाद पंचामृत से महादेव का रुद्राभिषेक कर उन्हें बिल्व पत्र अर्पित करें और शिवलिंग पर धतूरा, बिल्वपत्र, आलू, चंदन, चावल चढ़ाये। भोग के रूप में भगवान शिव को घी व शक्कर का भोग लगाएं और अंत में धूप, दीप प्रज्वलित कर आरती कर प्रसाद वितरण करे.
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सावन मास का महत्व sawan somvar mahatva
शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में की गयी पूजा बहुत ही फलदायी मानी जाती है. कहते है की इस समय की गयी पूजा से मनोकामना जल्द ही पूरी होती है सावन सोमवार के व्रत के प्रभाव से महिलाओ को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. सावन में की गयी पूजा से कुवारी कन्याओ को सुयोग्य वर की प्राप्ति होतीहै मान्यता है की सावन मास में माता पार्वती ने शिवजी को पति रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी इसीलिए सावन का महीना भगवान शिव को अत्यधिक प्रिय है.