सावन संकष्टी चतुर्थी कब है 2024 Sawan Sankashti Chaturthi 2024 Date

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Sawan Sankashti Chaturthi Puja Vidhi 

Sawan Sankashti Chaturthi 2024 DateSawan Sankashti Chaturthi 2024 Date हिंदू धर्म में गणेश जी की पूजा बेहद कल्याणकारी मानी गई है। मान्यता है भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के जीवन से सभी प्रकार के कष्टों का अंत होता है साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है हर माह की चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित है इस दिन व्रत रखकर गणेश जी की विधिवत पूजा की जाती है. सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी गजानन संकष्टी चतुर्थी होती है. सावन शिव का प्रिय मास है. ऐसे में इस मास में आने वाली चतुर्थी बेहद खास होती है. आइये जानते है सावन संकष्टी चतुर्थी व्रत कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले कुछ विशेष उपाय क्या है.

सावन संकष्टी शुभ मुहूर्त 2024 Sankashti Chaturthi 2024

  1. साल 2024 में सावन मास की गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत 24 जुलाई बुधवार को है|
  2. चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – 24 जुलाई प्रातःकाल 07:30 मिनट पर|
  3. चतुर्थी तिथि समाप्त – 25 जुलाई प्रातःकाल 04:39 मिनट पर|
  4. चंद्रोदय का समय – रात्रि 09:38 मिनट|

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Sankashti Chaturthi Vrat Puja Vidhi

चतुर्थी के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करे और व्रत का संकल्प ले. इसके बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दे. शास्त्रों के अनुसार चतुर्थी की पूजा दोपहर में करने का विधान है इसीलिए पूजा के शुभ मुहूर्त में पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र कर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करे. प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराकर तिलक करे. पीले वस्त्र, फल-फूल, धुप-दीप, कपूर, अक्षत और उनका प्रिय दूर्वा अर्पित करे इसके बाद लड्डू व मोदकों का भोग लगाए. अब गणेश जी के मंत्रो का जाप करे और व्रत कथा पढ़े या सुने. अंत में आरती करे. रात्रि में चंद्रोदय के बाद चन्द्रमा को अर्घ्य देकर व्रत संपन्न करे.

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सावन संकष्टी चतुर्थी उपाय Sankashti Chaturthi Mahaupay

  1. संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेशजी को 21 लड्डूओं का भोग लगाएं और गणेश को भोग लगाते समय ओम ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: मंत्र का जप करें। इस उपाय से यदि कुंडली में बुध कमजोर हैं तो लाभ मिलता है.
  2. सावन की संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी और भगवान शिव की पूजा करने से सुख, सौभाग्य में वृद्धि होती है.
  3. आक का फूल भगवान शिव और गणपति दोनों को प्रिय है. यदि सावन की संकष्टी चतुर्थी पर घर के मुख्य दरवाजे पर आक की जड़ काले कपड़े में बांधकर रखने से धन आगमन के मार्ग खुलते है.
  4. सावन की संकष्टी पर गणपति जी को 11 दूर्वा की गांठ अर्पित कर गणेश अर्थवशीर्ष का पाठ करने से हर समस्या दूर होने लगती हैं.
  5. संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी की प्रतिमा के सामने धूप -दीप कर उन्हें हल्दी की पांच गांठ अर्पित करें। इस उपाय के करियर में तरक्की के योग बनते है।
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