संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Paush Sankashti Chaturthi Pooja Vidhi
पौष संकष्टी शुभ मुहूर्त 2022 Sankashti Chaturthi 2022
- साल 2022 में पौष मास की अखुरथ संकष्टी चतुर्थी व्रत 11 दिसंबर रविवार को रखा जायेगा|
- चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी- 11 दिसंबर सायंकाल 04:14 मिनट पर |
- चतुर्थी तिथि समाप्त होगी – 12 दिसंबर सायंकाल 06:48 मिनट पर |
- चंद्रोदय का समय होगा – 11 दिसंबर रात्रि 08:01 मिनट|
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Sankashti Chaturthi Vrat Puja Vidhi
चतुर्थी के दिन प्रातःकाल उठकर स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करे और व्रत का संकल्प ले. सबसे पहले सूर्यदेव को जल अर्पित करे. चतुर्थी की पूजा दोपहर के समय की जाती है पूजा के शुभ मुहूर्त में पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र कर वहां पर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करे. इसके बाद प्रतिमा का गंगाजल मिले जल से अभिषेक कर उन्हें चन्दन का तिलक लगाकर पीले वस्त्र अर्पित करे. इसके बाद धुप, दीप, कपूर जलाकर उनका प्रिय दूर्वा अर्पित करे इसके बाद लड्डू व मोदकों का भोग लगाए. अब उनके मंत्रो का जाप और चतुर्थी व्रत कथा पढ़े या सुने. अंत में आरती करे. रात्रि में चंद्रोदय के बाद चन्द्रमा को जल का अर्घ्य देकर व्रत की विधि पूरी करे.
पौष संकष्टी चतुर्थी उपाय Sankashti Chaturthi Mahaupay
शास्त्रों के अनुसार गणेश जी सभी देवों में प्रथम पूज्य माने जाते है मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी की आराधना सच्चे मन और नियमों का पालन करते हुए की जाय तो गणेश जी व्यक्ति को सुख, समृद्धि, बल, बुद्धि, विद्या का वरदान देते है इनकी पूजा से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और शांति बनी रहती है। आइये जानते है इस दिन कौन से उपाय करना शुभ होता है.
- संकष्टी चतुर्थी के दिन 108 बार ‘वक्रतुण्डाय हुं’ मंत्र का जाप करने से गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है साथ ही घर में सुख-शांति बनी रहती है।
- इस दिन गणेश जी के मंदिर में जाकर दूर्वा की 11 या 21 गांठें भगवान गणेश जी को अर्पित करें। इससे परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
- संकष्टी के दिन गणेश जी की विधि-विधान से पूजा के बाद उन्हें गुड़ और घी का भोग लगाएं बाद में उस भोग को गाय को खिला दे इससे धन वृद्धि होती है.
- घर में सुख, शांति और धन, संपत्ति में वृद्धि के लिए संकष्टी चतुर्थी के दिन सुपारी, लौंग और जायफल गणेश जी को अर्पित कर दे इससे लाभ होता है.