विनायक चतुर्थी पूजा विधि Paush Vinayak Chaturthi Vrat Pooja Vidhi
विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2022 Vinayak Chaturthi Shubh Muhurat 2022
- साल 2022 में पौष विनायक चतुर्थी व्रत 26 दिसंबर सोमवार के दिन है|
- चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी- 26 दिसंबर प्रातःकाल 04:51 मिनट पर|
- चतुर्थी तिथि समाप्त होगी – 27 दिसंबर प्रातःकाल 01:37 मिनट पर|
- पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – 26 दिसंबर सुबह 04:51 मिनट से दोपहर 01:24 मिनट तक|
विनायक चतुर्थी पूजा विधि Ganesh Chaturthi Vrat Puja Vidhi
शास्त्रों के अनुसार विनायक चतुर्थी के दिन सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूजा और व्रत का संकल्प लें। पूजास्थल पर गणेश जी की प्रतिमा एक साफ़ चौकी पर स्थापित कर उन्हें चंदन का तिलक लगाएं और वस्त्र, कुमकुम, धूप, दीप, लाल फूल अक्षत, पान, सुपारी और उनका प्रिय दूर्वा अर्पित करें। इसके बाद भगवान गणेश जी के मंत्रों का जाप और श्री गणेश स्तोत्र का पाठ करें. अंत में लड्डूओं का भोग लगाएं और व्रत कथा पढ़कर आरती करे.
विनायक चतुर्थी के पूजा नियम Paush Ganesh Vinayak Chaturthi
- ब्रह्म मूहर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें, लाल रंग के वस्त्र धारण करें.
- गणेश जी को पूजा में सफेद रंग की चीजें नहीं चढ़ानी चाहिए क्योकि सफ़ेद चीजों का सम्बन्ध चन्द्रमा से होता है. चंद्रदेव ने एक बार भगवान गणेश जी का उपहास किया था इसीलिए सफ़ेद चीजे गणेश पूजन में वर्जित मानिगायी है.
- भगवन गणेश जी को तुलसी भी अर्पित नहीं करनी चाहिए.
- गणपति बप्पा को टूटे हुए अक्षत यानी चावल अर्पित नहीं किए जाते हैं।
- चतुर्थी के दिन गणेश जी की प्रतिमा को गंगाजल से से स्नान कराकर लाल सिंदूर अर्पित करे इससे मनोकामना पूरी होती है.
- इस दिन गणेश जी को 21 लड्डुओं या 21 मोदकों का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
- चतुर्थी के दिन गणेश जी को 21 दुर्वा की गांठें अर्पित करे इसे मनोकामना पूरी होती है।
- मान्यता है की विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी को पूजा में शमी के पत्ते अर्पित करने से करो में सफलता मिलती है.
- चतुर्थी के दिन गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए 21 दुर्वा अर्पित करने से लाभ होता है.