चैती छठ पूजा 2020 शुभ मुहूर्त Chaiti Chhath Puja Date Time Muhurt 2020 

चैती छठ पूजा 2020 पूजा विधि Chaiti Chhath Pujan Vidhi

चैती छठ पूजाचैती छठ पूजा- छठ पर्व साल में दो बार मनाया जाता है। कार्तिक मास की छठ की तरह ही चैत्र माह में आने वाले छठ का भी बहुत महत्व होता है। यह पर्व मुख्य रूप से सूर्यदेव की उपासना का महापर्व मना जाता है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार छठी मैय्या को सूर्य देवता की बहन कहा जाता हैं। इसलिए मान्यता है की छठ में की जाने वाली सूर्य की उपासना से छठी मईया प्रसन्न होकर भक्तो को सुख और शांति प्रदान करती हैं। आज हम आपको इस वीडियो में चैती छठ व्रत की शुभ तिथियां पूजा विधि और साथ ही सूर्य देव को दिए जाने वाले अर्घ्य का शुभ मुहूर्त क्या है.

चैती छठ पूजा तिथि व शुभ मुहूर्त 2020 Chhath Puja Tithi Shubh Muhurt  

  1. साल 2020 में चैती छठ पूजा का महापर्व 30 मार्च सोमवार के दिन मनाया जाएगा.
  2. षष्ठी तिथि प्रारम्भ होगी 30 मार्च प्रातःकाल 02:01 मिनट पर|
  3. षष्ठी तिथि समाप्त होगी 31 मार्च प्रातःकाल 03:14 मिनट पर|
  4. नहाय खाय 28 मार्च शनिवार
  5. खरना 29 मार्च रविवार
  6. संध्याकाळ अर्घ्य 30 मार्च सोमवार
  7. प्रातःकाल अर्घ्य और पारण 31 मार्च मंगलवार

चैती छठ पूजा व्रत विधि Chaiti Chhath Vrat Vidhi

छठ मैय्या की पूजा का यह पर्व चार दिनों तक चलता हैं. विशेषकर उत्तर भारत में सभी लोग इसे बड़े उत्साह के साथ मनाते है. गंगा स्नान का इस पर्व में बहुत महत्व होता हैं. छठ पूजा का पहला दिन अर्थात चतुर्थी के दिन नहाय खाय होता हैं. इस दिन सूर्य उगने से पहले पवित्र नदियों में स्नान कर भोजन ग्रहण किया जाता हैं छठ पूजा का दूसरा दिन लोहंडा और खरना के रूप में मनाया जाता है इस दिन पूरे दिन निराहार रहकर व्रत करते है और रात्रि में खिरनी खाई जाती हैं जिसे प्रसाद के रूप में भी बनता जाता है छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य का होता है इस दिन ढलते हुए सूर्य को जल चढ़ाया जाता हैं इस दिन दान का भी विशेष महत्व हैं. छठ पूजा का आखिरी दिन उषा अर्घ्य का होता है यह सप्तमी का दिन होता हैं. इस दिन उगते सूर्य को अर्ध्य देने का विधान है अर्घ के बाद प्रसाद वितरण कर चार दिवसीय व्रत का समापन किया जाता है.

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चैती छठ व्रत के नियम व महत्व Chaiti Chhath Niyam and Importance

प्रत्येक व्रत की तरह ही इस व्रत के भी कुछ नियम है इसे महिलायें एवम पुरुष दोनों ही कर सकते हैं. मान्यता है की व्रत करने वाले व्यक्ति को चार दिनों में धरती पर सोना चाहिए. छठ पर्व के इन 4 दिनों तक घर में सात्विक भोजन बनाना चाहिए. इस त्यौहार में सूर्य देव को पूजा की जाती हैं. आज के दिन सूर्य पूजा के पीछे एक वैज्ञानिक कारण यह भी हैं की इस समय धरती पर सूर्य की हानिकारक किरणे आती हैं. सूर्य के प्रकाश में कई रोगों को नष्ट करने की अद्भुद क्षमता होती है। जिस कारण इसके प्रभाव से व्यक्ति को आरोग्य और तेज की प्राप्ति होती है। छठ पर्व पर सूर्य देव और छठी मैय्या का पूजन करने से न सिर्फ उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है बल्कि संतान सुख और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

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