मकर संक्रांति तिथि शुभ मुहूर्त 2026 Makar Sankranti Kab Hai 2026
Makar Sankranti Date Time 2026 सूर्य का राशि परिवर्तन ही संक्रांति कहलाता हैं। हिंदी पंचांग के अनुसार पौष माह में जिस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते है उस दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. ज्योतिष अनुसार इस समय सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायन हो जाते है। बहुत सी जगहों पर मकर संक्रांति को उत्तरायण और खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है आज हम आपको साल 2026 में मकर संक्रांति या उत्तरायण का त्यौहार कब मनाया जायेगा, पुण्यकाल का समय, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसके महत्व के बारे में बताएँगे.
मकर संक्रांति 2026 तिथि व शुभ मुहूर्त Makar Sankranti Dates Pooja Timing 2026
- साल 2026 में मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी बुधवार को मनाया जाएगा|
- मकर संक्रान्ति का क्षण रहेगा – 14 जनवरी सायंकाल 03:13 मिनट पर|
- संक्रांति पुण्यकाल मुहूर्त होगा – 14 जनवरी सायंकाल 03:13 मिनट से सायंकाल 05:45 मिनट तक|
- संक्रांति महापुण्य काल मुहूर्त होगा – 14 जनवरी सायंकाल 03:13 मिनट से सायंकाल 04:58 मिनट तक|
मकर संक्रांति पूजा विधि Makar Sankranti Pooja Vidhi
मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव की पूजा की जाती है। इस दिन पुण्यकाल में गंगा स्नान कर उगते हुए सूर्य को तांबे के बर्तन में जल, सिंदूर, लाल फूल और काला तिल मिलाकर जल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद पानी में ही खड़े होकर भगवान सूर्य का ध्यान करते हुए और ऊं सूर्याय नम: का मंत्र बोलते हुए जल अर्पित करें। मान्यता है की आज के दिन सूर्य देव की उपासना तथा व्रत करने से सभी रोग दूर होते हैं. पूजा के बाद तिल, उड़द दाल, चावल, गुड़, वस्त्र व धन अदि का किसी ब्राह्मण को दान करना चाहिए। साथ ही इस दिन भगवान को तिल और खिचड़ी का भोग लगाया जाता है.
मकर संक्रांति का महत्व Makar Sankranti Importance
शास्त्रों में मकर संक्रांति का विशेष बताया गया है. इस दिन किया गया दान सौ गुना होकर वापस आता है. यह दिन नए कार्यो की शुरुवात के लिए भी बेहद महत्व रखता है इस दिन से ही मलमास भी समाप्त होता हैं. इसके बाद से सारे मांगलिक कार्य विवाह, मुंडन, जनेऊ संस्कार आदि शुरू हो जाते हैं. मान्यता है की इस दिन स्वर्ग के द्वार खुलते है. इसीलिए इस दिन पूजा, पाठ, दान, तीर्थ नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. वही मकर संक्रांति पर ठंड से बचने के लिए तिल, गुड़ और खिचड़ी खाने का भी विशेष महत्व है.