जन्माष्टमी व्रत पूजन विधि Janmashtami Vrat Date Time 2022
जन्माष्टमी तिथि व शुभ मुहूर्त 2022 Janmashtami Shubh Muhurat
- साल 2022 में कृष्ण जन्माष्टमी 18 और 19 अगस्त को मनाई जाएगी.
- अष्टमी तिथि आरंभ होगी – 18 अगस्त रात्रि 09:20 मिनट पर |
- अष्टमी तिथि समाप्त होगी – 19 अगस्त रात्रि 10:59 मिनट पर|
- रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ – 20, अगस्त प्रातःकाल 01:53 मिनट पर|
- रोहिणी नक्षत्र समाप्त – 21, अगस्त प्रातःकाल 04:40 मिनट पर
- निशिथ काल पूजा का समय होगा – 18, अगस्त रात्रि 12:03 मिनट से लेकर 12:47 मिनट तक |
- दही हांडी उत्सव 19 अगस्त को होगा|
- व्रत के पारण का समय होगा – 19 अगस्त सुबह 05:52 मिनट |
जन्माष्टमी व्रत पूजन विधि Janmashtami Puja Vidhi
जन्माष्टमी व्रत में अष्टमी तिथि को उपवास के साथ पूजन शुरू होता है और नवमी को पारण किया जाता है. अष्टमी तिथि को प्रातः स्नानादि से निवृत होकर सभी देवी देवताओं को प्रणाम कर व्रत का संकल्प ले. इसके बाद देवकी जी के लिए प्रसूति गृह बनाएँ और भगवान कृष्ण की मूर्ति को पालने में रखकर वहां पर कलश स्थापना करे. प्रतिमा को स्नान कराकर पीले वस्त्र आभूषण पहनाये और माखन मिश्री का भोग लगाए अब अंत में उन्हें झूला झुलाये और विधिवत पूजा संपन्न करे. जन्माष्टमी व्रत में 12:00 बजे के बाद पारण किया जाता है. अगली सुबह नित्य क्रिया से निवृत्त होकर भगवान श्री कृष्ण की पूजा करके पारण करें।
कृष्ण जन्माष्टमी व्रत के नियम Janmashtami Niyam
- जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को माखन-मिश्री, पाग, नारियल की बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए.
- जन्माष्टमी का व्रत अगले दिन सूर्योदय होने पर पारण के बाद खोलना चाहिए.
- जन्माष्टमी का पारण सूर्योदय के पश्चात अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के समाप्त होने के बाद ही करना शुभ होता है.
- जन्माष्टमी के दिन किसी का भी अनादर या अपमान न करें.
- इस दिन किसी तरह के बुरे विचार मन में न लाएं.
इसे भी पढ़े – जानें अपना वार्षिक राशिफल 2022.
- जन्माष्टमी के दिन पूजा में लाल या फिर पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है.
- जन्माष्टमी के दिन भोग में तुलसी पत्र डालने चाहिए.
- जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल जी की पूजा करनी चाहिए.
- जन्माष्टमी पर गायों की पूजा और सेवा करनी चाहिए.
- जन्माष्टमी के दिन सात्विक भोजन का प्रयोग करना चाहिए.