अधिक पूर्णिमा 2020 Ashwin Maas Purnima Puja Vidhi 2020
अधिक मास पूर्णिमा- धार्मिक पूजा पाठ की दृष्टि से अधिक मास का महीना बहुत ही पुण्यकारी माना जाता है. कहते है की इस माह में की गयी पूजा विशेष फल प्रदान करती है अधिक मास के अधिष्ठता भगवान् विष्णु जी है और प्रत्येक महीने में आने वाली कृष्ण और शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर भी भगवान् विष्णु जी की आराधना करने के विधान है इस बार आश्विन माह अधिक मास होने के कारण इस माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि अधिक पूर्णिमा होगी जिसका बहुत अधिक महत्व होगा. आज हम आपको इस वीडियो में अधिक मास की इस पूर्णिमा तिथि की सही तारिख पूजा का शुभ मुहूर्त पूजा विधि, उपाय और और इस तिथि पर कौन से काम नहीं करने चाहिए इस बारे में बताएँगे.
अधिक पूर्णिमा शुभ मुहूर्त 2020 Adhik Purnima 2020 Shubh Muhurat
- साल 2020 में आश्विन अधिक पूर्णिमा का व्रत 1 अक्टूबर बृहस्पतिवार के दिन रखा जाएगा|
- पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ होगी – 1 अक्टूबर प्रातःकाल 12:25 मिनट पर|
- पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी – 2 अक्टूबर प्रातःकाल 02:34 मिनट पर|
अधिक पूर्णिमा पूजा विधि Adhik Purnima puja vidhi
अधिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लेकर पूजास्थल को स्वच्छ कर ले अब एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं और उसपर कलश और भगवान श्री गणेश और सत्यनारायण भगवान की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद चौकी को दोनों ओर से केले के पत्तों से सजा दे. अब भगवान सत्यनारायण जी की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराकर उनका श्रृंगार करे अब सबसे पहले गणेश जी का पूजन करें. फिर सत्यानारायण भगवान जी को पीले फूलों फल, नैवेद्य, पीला वस्त्र और विशेष रूप से तुलसी दल अर्पित करें और पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं. अब घी का दीपक जलाकर मंत्र आरती और सत्यनारायण व्रत कथा पढ़ें या सुनें.
अधिक पूर्णिमा उपाय Adhik Purnima upay
ज्योतिषानुसार पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण आकृति में होता है। यह दिन माता लक्ष्मी को बेहद प्रिय है जिस कारण इस तिथि के दिन किये कुछ खास उपाय करने से जीवन में मां लक्ष्मी की विशेष कृपा होने लगती है। आइये जानते है इस दिन किये जानें वाले इन्ही ख़ास उपायों के बारे में.
- शास्त्रों की मने तो पूर्णिमा के दिन पीपल वृक्ष में मां लक्ष्मी जी का आगमन होता है। इसीलिए यदि आज के दिन सुबह स्नान के बाद पीपल के पेड़ पर मीठा जल चढ़ाकर अर्पित किया जाय तो व्यक्ति को कार्यो में सफलता और मनोकामना पूर्ति आशीर्वाद प्राप्त होता है.
- पूर्णिमा तिथि के दिन पूजा के बाद रात्रि में चंद्रोदय होने पर चन्द्रमा को जल का अर्घ्य देने से सुखी वैवाहिक जीवन का लाभ मिलता है यदि यह अर्घ्य पति पत्नी मिलकर दे तो अति शुभ परिणाम प्राप्त होते है.
- पूर्णिमा के दिन 11 कौड़ियां पर हल्दी लगाकर माँ लक्ष्मी जी को अर्पित करने के बाद अगले दिन इन कौड़ियों को एक लाल कपड़े में बांधकर अपने धन के स्थान पर रखे इससे घर में माँ लक्ष्मी का स्थायी निवास होता है.
अधिक मास पूर्णिमा नियम Adhik Purnima Niyam
- साल की सभी पूर्णिमा में अधिक मास पूर्णिमा का महत्वपूर्ण स्थान है. इसीलिए अधिक मास की पूर्णिमा का व्रत रखने पर व्यक्ति पूर्णिमा व्रत के इन जरूरी नियमो को ध्यान में रखना चाहिए.
- अधिक मास की पूर्णिमा पर व्रत करने वाले व्यक्ति क भगवान सत्यनारायण व्रत कथा का पाठ करना बिलकुल नहीं भूलना चाहिए.
- अगर आप अधिक मास पूर्णिमा का व्रत कर रहे हैं तो आपको इस दिन न झूठ बोलने जैसे कार्य नहीं करने चाहिए चाहिएऔर न ही किसी की निंदा करनी चाहिए.
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- इस दिन घर का माहौल आध्यात्मिक बनाये रखना चाहिए और घर में कलह आदि नहीं करना चाहिए.
- पूर्णिमा के दिन घर आये जीव या व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए बल्कि हो सके तो उन्हें भोजन पानी देना चाहिए इससे जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति होती है.