होली 2020 में कब है Holi 2020 Holika Dahan DateTime 2020  

होलिका दहन तिथि 2020 Holika Dahan Shubh Muhurt 2020

होली 2020होली 2020- होली रंगो का त्यौहार है और ये त्यौहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. 2 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में पहले दिन होलिका दहन और दूसरे दिन रंग खेलने की प्रथा है. होलिका दहन को छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है घर में सुख समृद्धि के लिए छोटी होली यानि की होलिका दहन के दिन पूजा की जाती है आज हम आपको इस वीडियो में साल 2020 छोटी होली या होलिका दहन और रंगवाली होली किस दिन मनाई जायेगी इसके शुभ मुहूर्त और होलिका पूजा विधि के बारे में बताएँगे.

होलिका दहन तिथि व शुभ मुहूर्त 2020 Holika Dahan Date Time 2020

  1. साल 2020 में होलिका दहन 9 मार्च सोमवार के दिन किया जाएगा.
  2. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त – 9 मार्च सोमवार शाम 6 बजकर 24 मिनट 8 बजकर 50 मिनट |
  3. मुहूर्त की कुल अवधी 2 घंटे 24 मिनट की होगी |
  4. होलिका दहन प्रदोष काल के दौरान उदय व्यापिनी पूर्णिमा के साथ किया जाता है |
  5. पूर्णिमा तिथि आरंभ होगी – 9 मार्च सोमवार प्रातःकाल 03:03 मिनट पर |
  6. पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी – 9 मार्च रात्रि 11:16 मिनट पर |

रंगवाली होली शुभ मुहूर्त 2020 Rangwali Holi Date Time 2020

होलिका दहन के अगले दिन रंग से खेलने की परंपरा है साल 2020 में 10 मार्च मंगलवार के दिन रंगवाली होली मनाई जायेगी| होली भारत में मनाये जानें वाले सभी बड़े पर्वो में से एक है जो की भगवान कृष्णा जी को बहुत अधिक प्रिय है. बहुत सी जगहों में रंगवाली होली को धुलंडी के नाम से भी जाना जाता है.

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होली पूजा विधि Holika Pujan Vidhi

मान्यताओं के अनुसार इस त्यौहार में होलिका दहन का विशेष महत्व होता है होलिका दहन व पूजन शाम के समय किया जाता है. होलिका पूजा के समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठे. होलिका पूजन के लिए माला, रोली, पुष्प, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, पांच प्रकार के अनाज में गेहूं की बालियां और एक लोटा में जल लेकर होलिका के चारों ओर परिक्रमा करने के बाद होलिका दहन करना चाहिए. होलिका दहन की अग्नि में गुलाल डालकर सभी बड़ो का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करे.

होली का महत्व Importance of Holi Festival 

यह पर्व फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष की चतुदर्शी के दिन मनाया जाता है। इसे बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को अग्नि से न जलने का वरदान प्राप्त था। होलिका भगवान विष्णु जी के परम भक्त प्रह्वाद को लेकर अग्नि में बैठ गई थी। लेकिन भगवान विष्णु जी ने अपने भक्त प्रह्वाद की रक्षा करते हुए होलिका को अग्नि में भस्म कर दिया यह पर्व सभी प्रकार के द्वेष को भूलाकर एक- दूसरे के साथ भाईचारे की दृस्टि से बहुत ख़ास महत्व रखता है.

भद्रा काल में होली क्यों नहीं जलाई जाती Holi Date Time 2020

शास्त्रों में भद्रा काल अशुभ माना जाता है। इस काल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता। शास्त्रों में  भद्रा काल का स्वाभाव काफी उग्र माना गया है। जिस कारण इस दौरान कोई भी शुभ काम करने की मनाही है प्राचीन कथाओ के अनुसार भद्रा काल के समय ही भगवान शिव ने तांडव किया था और इस समय वह रोद्र रूप थे इसी कारण से भद्रा काल में होलिका दहन नहीं किया जाता।

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