नवरात्रि दूसरा दिन डेट टाइम पूजा विधि Chaitra Navratri Second day Puja Vidhi

नवरात्रि दूसरा दिन शुभ मुहूर्त Navratri Kalsh Sthapana Puja Vidhi

Chaitra Navratri Second dayChaitra Navratri Second day- चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 13 अप्रैल मंगलवार से हो चुकी है नवरात्रि के इन नौ दिनों तक देवी मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा कर अष्टमी नवमी के दिन कन्या पूजन कर माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त किया जायेगा. नवरात्रि के दूसरे दिन माँ के देवी ब्रह्मचारिणी स्वरुप की पूजा की जाती है। मान्यता है की मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से जीवन में धन-समृद्धि, खुशहाली आती है। आज हम आपको साल 2021 चैत्र नवरात्रि के दूसरे स्वरुप माता ब्रह्मचारिणी की पूजा के शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री और पूजा विधि के बारे में बताएँगे.

चैत्र नवरात्री दूसरा दिन शुभ तिथि 2021 Chaitra Navratri 2021 Muhurat

  1. साल 2021 में चैत्र नवरात्रि का दूसरा नवरात्रि व्रत 14 अप्रैल बुधवार के दिन है.
  2. इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है चैत्र नवरात्री द्व‍ितीया तिथि के दिन स स‍िंधारा दूज भी मनाई जाती है।

देवी ब्रह्मचारिणी स्वरुप Goddess Brahmcharini Swaroop

Chaitra Navratri Second day-  पौराणिक कथाओ के अनुसार देवी ब्रह्मचारिणी का अर्थ है तप का आचरण करने वाली| माता का यह रूप ज्योर्तिमय है। देवी ब्रह्मचारिणी ने शिवजी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए हजारों सालों तक निर्जल निराहार रहकर तपस्या की। जिस कारण उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा। इनके दाहिने हाथ मे जप की माला बांए हाथ मे कमंडल रहता है।

माता ब्रह्मचारिणी पूजन विधि Goddess Brahmcharini Pooja Vidhi

Chaitra Navratri Second day-  नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है माँ की पूजा से पहले सभी देवी देवताओ का आह्वाहन करे और माता रानी को पंचामृत से स्नान कराकर इनके प्रिय फूल, अक्षत, रोली, चंदन, पान, सुपारी और दक्षिणा अर्पित कर शक्कर का भोग लगाएं। इसके बाद हाथों में फूल लेकर प्रार्थना करते हुए माँ के मन्त्र ओम देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥ का जाप करे. मान्यता है की इस दिन भगवान शिव और फिर ब्रह्मा जी की पूजा करना भी बहुत ही शुभ होता है.

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दूसरा नवरात्रि रंग व भोग Second Navratri Color Bhog  

नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी को पूजा में नारंगी और हरे रंग के वस्त्रो का प्रयोग विशेष लाभकारी होता है और इस दिन मां को हरे रंग के पत्ते या हरे पत्तो की माला और शक्कर का भोग लगाने से वे जल्दी प्रसन्न होती हैं।

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