अहोई अष्टमी पूजा विधि Ahoi Ashtmi vrat 2021 Puja Vidhi
अहोई अष्टमी व्रत शुभ मुहूर्त 2021 Ahoi Ashtmi Puja Date Timing
- साल 2021 में अहोई अष्टमी का व्रत 28 अक्टूबर गुरुवार के दिन रखा जाएगा.
- अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – शाम 05:39 मिनट से शाम 06:56 मिनट तक |
- अहोई अष्टमी चंद्रोदय का समय होगा – रात्रि 11:29 मिनट |
- तारों को देखने के लिये साँझ का समय – सायंकाल 06:03 मिनट|
- अष्टमी तिथि शुरू होगी – 28 अक्टूबर रात्रि 12:49 मिनट पर |
- अष्टमी तिथि समाप्त होगी – 29 अक्टूबर रात्रि 02:09 मिनट पर |
अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि Ahoi Ashtmi vrat Pujan Vidhi
अहोई अष्टमी के दिन माताओ को सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान के बाद निर्जल व्रत का संकल्प लेना चाहिए। सबसे पहले पूजा के लिए घर की दीवार पर अहोई माता, सेह व उसके सात पुत्रों का चित्र बनाएं और पूजास्थल पर एक कलश में पानी रख ले. अहोई अष्टमी के दिन सायंकाल तारे दिखाई देने के समय पूजा करने का विधान है अहोई पूजा में चांदी की अहोई बनाने का भी विधान है जिसे सेह या स्याहु कहते हैं। पूजा में अहोई माता को रोली-चावल अर्पित कर मीठे पुए भोग लगाएं।अब हाथों में गेहूं लेकर अहोई अष्टमी व्रत कथा पढ़ें या सुने. व्रत कथा के बाद अहोई माता की आरती करें और रात्रि चंद्रोदय के बाद तारों तारों को देखकर उन्हें अर्घ्य देकर व्रत सम्पन्न करे.
अहोई अष्टमी क्या ना करे Ahoi Ashtami Kya naa kare
- अहोई अष्टमी के दिन पेड़ पौधों को नहीं उखाड़ना चाहिये।
- अहोई अष्टमी के दिन माताओं को मिट्टी से संबंधित कोई कार्य नहीं करना चाहिए,
- इस दिन घर में किसी भी प्रकार से क्लेश न करें और ना ही किसी से वाद विवाद करे.
- यदि आपने अहोई अष्टमी का व्रत रखा है तो दिन के समय सोना नहीं चाहिए,
- अहोई अष्टमी को तारों को अर्घ्य देते समय तांबे के लोटे से अर्घ्य नहीं देना चाहिए इस दिन अर्घ्य देने के लिए पीतल के लोटे का इस्तेमाल करे.
- आज के दिन भूलकर भी आपके घर में तामसिक भोजन नहीं बनाना चाहिए.
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अहोई अष्टमी पर क्या करे Ahoi Ashtami kya kare
- अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता की पूजा का विधान है लेकिन इस दिन सर्वप्रथम पूजनीय श्रीगणेश का पूजन करना चाहिए।
- अहोई अष्टमी के दिन व्रत तारों को देखकर खोलना चाहिए. तारें निकलने के बाद अहोई माता की पूजा करे.
- अहोई अष्टमी की व्रत कथा सुनते समय हाथ में 7 प्रकार के अनाज रखे और पूजा के बाद इन्हे गाय को खिला दे.
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- यह व्रत संतान के लिए किया जाता है इसीलिए पूजा में उन्हें जरूर बिठाना चाहिए।
- इस व्रत के दौरान बड़े बुजुर्गों के लिए बायना निकालें
- अहोई अष्टमी के दिन अपने सास-ससुर के लिए बायना जरूर निकालें। यदि सास-ससुर नहीं हैं तो इसे घर के किसी बुजुर्ग को भी दे सकते हैं