मार्गशीर्ष कृष्ण प्रदोष और मासिक शिवरात्रि 2021 2 December 2021 Pradosh Vrat

प्रदोष व्रत पूजा विधि 2021 Pradosh Vrat Poja Vidhi

2 December 2021 Pradosh Vrat2 December 2021 Pradosh Vrat प्रत्येक माह के दोनों पक्षों शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है शिवपुराण के अनुसार इस व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल अर्थात शाम के समय करने का विधान है शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत गुरुवार के दिन पड़े तो वह गुरु प्रदोष होता हैं. इस बार मार्गशीर्ष प्रदोष और मासिक शिवरात्री एक ही दिन हैं प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि भगवान शिव के प्रिय व्रत हैं. आज हम आपको मार्गशीर्ष कृष्ण प्रदोष और मासिक शिवरात्रि व्रत तिथि,पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और एक चमत्कारिक महाउपाय के बारे में बताएँगे.

प्रदोष व्रत/ मासिक शिवरात्रि तिथि Pradosh Vrat December Month Date

  1. साल 2021 मार्गशीर्ष मास का प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि 2 दिसंबर गुरुवार के दिन है
  2. प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त होगा- 2 दिसंबर गुरुवार सायंकाल 05:24 मिनट से लेकर 08:07 मिनट तक|
  3. त्रयोदशी तिथि आरम्भ होगी -1 दिसंबर रात्रि 11:35 मिनट पर |
  4. त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी – 2 दिसंबर रात्रि 08:26 मिनट पर |
  5. कृष्ण चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ- 02 दिसबंर रात्रि 10:56 मिनट|
  6. कृष्ण चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी – 03 दिसंबर शाम 07:25 मिनट|

गुरु प्रदोष पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi

प्रदोष व्रत त्रयोदशी और मासिक शिवरात्रि का व्रत चतुर्दशी को रखा जाता है. मार्गशीर्ष माह में प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि एक ही दिन पड़ रही है. इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करे और व्रत का संकल्प लेकर भगवान शिव माता पार्वती और गणेश जी की विधिवत पूजा करे. शाम के समय भगवान शिव को पंचामृत से स्नान कराकर सभी पूजन सामग्री व बिल्वपत्र अवश्य अर्पित करे इसके बाद शिव परिवार के समक्ष घी का दीपक जलाकर गं गणपतये नमः और शिव पंचाक्षरी मन्त्र नमः शिवाय का 108 बार जाप करें और अंत में महादेव को सफेद चावल से बनी खीर का भोग लगाकर पूजा संपन्न करने के बाद प्रसाद वितरण करे.

प्रदोष व्रत के नियम Pradosh vrat ke niyam 

  1. प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान कर लें।
  2. इस व्रत में भोजन ना करते हुए इसे फलाहार करना चाहिए.
  3. इस दिन अपने मुंह से अपशब्द न निकालें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  4. सूर्यास्त से पहले फिर स्नान करें और शाम की पूजा की तैयारी करें।
  5. भगवान शिव के साथ शिव परिवार की पूजा करना न भूले.
  6. प्रदोष व्रत के दिन व्रत कथा पढ़ना या सुनना न भूले.
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