अनंत चतुर्दशी व्रत 2021 Anant Chaturdashi Importance 2021
अनंत चतुर्दशी व्रत 2021- अनंत चतुर्दशी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रों में अनंत चतुर्दशी का बड़ा महत्व है। इसे अनंत चौदस भी कहते है। इस दिन भगवान विष्णु जी के अनंत स्वरुप की पूजा की जाती है। इस दिन गणेश भगवान का भी विसर्जन किया जाता है मान्यता है की जो भी आज के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करता है और अनंत सूत्र को बांधता है तो उसके से जीवन की सभी समस्याओं से उसे छुटकारा मिलता है. इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन से सभी कष्टों दूर होते हैं आज हम आपको साल 2021 भाद्रपद मास की अनंत चतुर्दशी व्रत की सही तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत के नियमो के बारे में बताएँगे.
अनंत चतुर्दशी व्रत शुभ मुहूर्त 2021 Anant chaturdashi Date time 2021
- साल 2021 में अनंत चतुर्दशी का व्रत 19 सितम्बर रविवार के दिन रखा जायेगा|
- चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ होगी – 19 सितम्बर प्रातःकाल 05:59 मिनट पर|
- चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी – 20 सितम्बर प्रातःकाल 05:28 मिनट पर|
- अनन्त चतुर्दशी पूजा मुहूर्त होगा – 19 सितम्बर प्रातःकाल 06:08 मिनट से 20 सितम्बर प्रातःकाल 05:28 मिनट तक
- पूजा की कुल अवधि – 23 घण्टे 20 मिनट्स
अनंत चतुर्दशी पूजा विधि Anant chaturdashi Puja Vidhi
अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत रखने की परंपरा है इस दिन सुबह स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प कर पूजास्थल पर कलश और भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित कर उनकी पूजा करे. इस दिन भगवान विष्णु, माता यमुना और शेषनाग जी की पूजा की जाती है कलश के रूप में माता यमुना और दूर्वा के रूप में शेषनाग जी को स्थापित करें कलश पर कुशा से बने अनंत देव की स्थापना करे और इसके समीप कच्चे डोरे को कुमकुम, केसर या हल्दी से रंगकर चौदह गांठ लगा अनंत धागा रख दे. यह धागा बाजार से खरीदकर भी ला सकते है. इसके बाद अनंत चतुर्दशी की व्रत कथा और विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करे इससे व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण होती है। पूजा के अनंत देव का ध्यान करते हुए अनंत सूत्र को पुरुषो को अपनी दाहिने हाथ की कलाई पर और महिलाओं को अपनी बाएं हाथ की कलाई पर बांधना चाहिए.
अनंत चतुर्दशी नियम Anant chaturdashi Vrat Niyam
- इस दिन भगवान विष्णु, माता यमुना और शेषनाग जी की पूजा अवश्य करें.
- अनंत चतुर्दशी के दिन 14 गांठों वाला अनंत सूत्र धारण करना चाहिए इससे व्यक्ति के जीवन में कोई बाधा या परेशानी नहीं आती है. इस सूत्र को पुरुष दाहिने हाथ में और स्त्री बायें हाथ में बांधती हैं।
- अनंत चतुर्दशी के दिन अनंत चतुर्दशी की व्रत कथा अवश्य सुननी या पढ़नी चाहिए
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- इस दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए और न हीं किसी की निंदा या घर में कलह आदि करना चाहिए.
- अनंत चतुर्दशी के दिन ब्राह्मण और जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराकर अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा अवश्य देनी चाहिए.