पवन-पुत्र हनुमान जी के चमत्कारी 108 नाम व उनके अर्थ Names of Lord Hanumana/Bajrang bali
- आंजनेया – अंजना का पुत्र
2. महावीर – सबसे बहादुर
3. हनूमत – जिसके गाल फुले हुए हैं
4. मारुतात्मज – पवन देव के लिए रत्न जैसे प्रिय
5. तत्वज्ञानप्रद – बुद्धि देने वाले
6. सीतादेविमुद्राप्रदायक – सीता की अंगूठी भगवान राम को देने वाले
7. अशोकवनकाच्छेत्रे – अशोक बाग का विनाश करने वाले
8. सर्वमायाविभंजन – छल के विनाशक
9.सर्वबन्धविमोक्त्रे – मोह को दूर करने वाले
10. रक्षोविध्वंसकारक – राक्षसों का वध करने वाले
11. परविद्या परिहार – दुष्ट शक्तियों का नाश करने वाले
12. परशौर्य विनाशन – शत्रु के शौर्य को खंडित करने वाले
13. परमन्त्र निराकर्त्रे – राम नाम का जाप करने वाले
14. परयन्त्र प्रभेदक – दुश्मनों के उद्देश्य को नष्ट करने वाले
15. सर्वग्रह विनाशी – ग्रहों के बुरे प्रभावों को खत्म करने वाले
16. भीमसेन सहायकृथे – भीम के सहायक
17. सर्वदुखः हरा – दुखों को दूर करने वाले
18. सर्वलोकचारिणे – सभी जगह वास करने वाले
19. मनोजवाय – जिसकी हवा जैसी गति है
20. पारिजात द्रुमूलस्थ – प्राजक्ता पेड़ के नीचे वास करने वाले
21. सर्वमन्त्र स्वरूपवते – सभी मंत्रों के स्वामी
22. सर्वतन्त्र स्वरूपिणे – सभी मंत्रों और भजन का आकार जैसा
23. सर्वयन्त्रात्मक – सभी यंत्रों में वास करने वाले
24. कपीश्वर – वानरों के देवता
25. महाकाय – विशाल रूप वाले
26. सर्वरोगहरा – सभी रोगों को दूर करने वाले
27. प्रभवे – सबसे प्रिय
28. बल सिद्धिकर – वीर योद्धा
29. सर्वविद्या सम्पत्तिप्रदायक – ज्ञान और बुद्धि प्रदान करने वाले
30. कपिसेनानायक – वानर सेना के प्रमुख
31. भविष्यथ्चतुराननाय – भविष्य की घटनाओं के ज्ञाता
32. कुमार ब्रह्मचारी – युवा ब्रह्मचारी
33. रत्नकुण्डल दीप्तिमते – कान में मणियुक्त कुंडल धारण करने वाले
34. चंचलद्वाल सन्नद्धलम्बमान शिखोज्वला – जिसकी पूंछ उनके सर से भी ऊंची है
35. गन्धर्व विद्यातत्वज्ञ, – आकाशीय विद्या के ज्ञाता
36. महाबल पराक्रम – महान शक्ति के स्वामी
37. काराग्रह विमोक्त्रे – कैद से मुक्त करने वाले
38. शृन्खला बन्धमोचक- तनाव को दूर करने वाले
39. सागरोत्तारक – सागर को उछल कर पार करने वाले
40. प्राज्ञाय – विद्वान
41. रामदूत – भगवान राम के राजदूत
42. प्रतापवते – वीरता के लिए प्रसिद्ध
43. वानर – बंदर
44. केसरीसुत – केसरी के पुत्र
45. सीताशोक निवारक – सीता के दुख का नाश करने वाले
46. अन्जनागर्भसम्भूता – अंजनी के गर्भ से जन्म लेने वाले
47. बालार्कसद्रशानन – उगते सूरज की तरह तेजस
48. विभीषण प्रियकर – विभीषण के हितैषी
49. दशग्रीव कुलान्तक – रावण के राजवंश का नाश करने वाले
50. लक्ष्मणप्राणदात्रे – लक्ष्मण के प्राण बचाने वाले
51. वज्रकाय – धातु की तरह मजबूत शरीर
52. महाद्युत – सबसे तेजस
53. चिरंजीविने – अमर रहने वाले
54. रामभक्त – भगवान राम के परम भक्त
55. दैत्यकार्य विघातक – राक्षसों की सभी गतिविधियों को नष्ट करने वाले
56. अक्षहन्त्रे – रावण के पुत्र अक्षय का अंत करने वाले
57. कांचनाभ – सुनहरे रंग का शरीर
58. पंचवक्त्र – पांच मुख वाले
59. महातपसी – महान तपस्वी
60. लन्किनी भंजन – लंकिनी का वध करने वाले
61. श्रीमते – प्रतिष्ठित
62. सिंहिकाप्राण भंजन – सिंहिका के प्राण लेने वाले
63. गन्धमादन शैलस्थ – गंधमादन पर्वत पार निवास करने वाले
64. लंकापुर विदायक – लंका को जलाने वाले
65. सुग्रीव सचिव – सुग्रीव के मंत्री
66. धीर – वीर
67. शूर – साहसी
68. दैत्यकुलान्तक – राक्षसों का वध करने वाले
69. सुरार्चित – देवताओं द्वारा पूजनीय
70. महातेजस – अधिकांश दीप्तिमान
71. रामचूडामणिप्रदायक – राम को सीता का चूड़ा देने वाले
72. कामरूपिणे – अनेक रूप धारण करने वाले
73. पिंगलाक्ष – गुलाबी आँखों वाले
74. वार्धिमैनाक पूजित – मैनाक पर्वत द्वारा पूजनीय
75. कबलीकृत मार्ताण्डमण्डलाय – हनुमान को निगलने वाले
76. विजितेन्द्रिय – इंद्रियों को शांत रखने वाले
77. रामसुग्रीव सन्धात्रे – राम और सुग्रीव के बीच मध्यस्थ
78. महारावण मर्धन – रावण का वध करने वाले
79. स्फटिकाभा – एकदम शुद्ध
80. वागधीश – प्रवक्ताओं के भगवान
81. नवव्याकृतपण्डित – सभी विद्याओं में निपुण
82. चतुर्बाहवे – चार भुजाओं वाले
83. दीनबन्धुरा – दुखियों के रक्षक
84. महात्मा – भगवान
85. भक्तवत्सल – भक्तों की रक्षा करने वाले
86. संजीवन नगाहर्त्रे – संजीवनी लाने वाले
87. सुचये – पवित्र
88. वाग्मिने – वक्ता
89. दृढव्रता – कठोर तपस्या करने वाले
90. कालनेमि प्रमथन – कालनेमि का प्राण हरने वाले
91. हरिमर्कट मर्कटा – वानरों के ईश्वर
92. दान्त – शांत
93. शान्त – रचना करने वाले
94. प्रसन्नात्मने – हंसमुख
95. शतकन्टमदापहते – शतकंट के अहंकार को ध्वस्त करने वाले
96. योगी – महात्मा
97. मकथा लोलाय – भगवान राम की कहानी सुनने के लिए व्याकुल
98. सीतान्वेषण पण्डित – सीता की खोज करने वाले
99. वज्रद्रनुष्ट – व्रज से दानव और दुष्टों को मारने वाले
100. वज्रनखा – वज्र की तरह मजबूत नाखून
101. रुद्रवीर्य समुद्भवा – भगवान शिव का अवतार
102. इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र विनिवारक – इंद्रजीत के ब्रह्मास्त्र के प्रभाव को नष्ट करने वाले
103. पार्थ ध्वजाग्रसंवासिने – अर्जुन के रथ पार विराजमान रहने वाले
104. शरपंजर भेदक – तीरों के घोंसले को नष्ट करने वाले
105. दशबाहवे – दस्द भुजाओं वाले
106. लोकपूज्य – ब्रह्मांड के सभी जीवों द्वारा पूजनीय
107. जाम्बवत्प्रीतिवर्धन – जाम्बवत के प्रिय
108. सीताराम पादसेवा – भगवान राम और सीता की सेवा में तल्लीन रहने वाले