उत्पन्ना एकादशी 2021 तिथि व शुभ मुहूर्त Utpanna Ekadashi 2021
उत्पन्ना एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त 2021 Utpanna Ekadashi Date Time 2021
- साल 2021 में उत्पन्ना एकादशी 30 नवंबर मंगलवार को है |
- एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी – 30 नवंबर प्रातःकाल 04:13 मिनट पर|
- एकादशी तिथि समाप्त – 1 दिसम्बर प्रातः काल 02:13 मिनट पर|
- उत्पन्ना एकादशी व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त होगा- 1 दिसम्बर प्रातःकाल 07:34 मिनट से प्रातःकाल 09:02 मिनट तक |
उत्पन्ना एकादशी पूजा विधि Utpanna Ekadashi Vrat puja Vidhi
एकादशी व्रत के नियमों का पालन दशमी तिथि से ही शुरू हो जाता है. व्रत करने वाले जातक को दशमी की रात सात्विक भोजन ग्रहण कर अगले दिन एकादशी तिथि को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. पूजा स्थल पर एक साफ चौकी में भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित कर उनके सामने धूप दीप जलाये. अब भगवान विष्णु को पीले फल, फूल व नैवेद्य अर्पण करते हुए विधि-विधान से पूजा करे. पूजा में विष्णु मंत्रो का जाप करे और एकादशी की व्रत कथा पढ़ने या सुनने के बाद सभी में प्रसाद वितरण करे.
उत्पन्ना एकादशी का महत्व Utpanna Ekadashi Importance
शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि इस व्रत से मिलने वाले फल अश्वमेघ यज्ञ, कठिन तपस्या, तीर्थ स्नान व दान आदि से मिलने वाले फलों से भी अधिक होते है। उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने से लोगों के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं. अगर कोई व्यक्ति एकादशी व्रत शुरू करना चाहते हैं तो उत्पन्ना एकादशी से व्रत शुरू करना श्रेठ होता है. एकादशी का व्रत भगवान श्रीहरि और श्रीकृष्ण को समर्पित हैं. अगर इस दिन विधि-विधान से पूजा की जाए तो व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं.
उत्पन्ना एकादशी व्रत रखने के नियम Utpanna Ekadashi Niyam 2021
- शास्त्रों में एकादशी व्रत महत्वपूर्ण और कठिन व्रतों में से एक माना गया है. एकादशी व्रत की इच्छा रखने वाले व्रती को दशमी के दिन सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।
- उत्पन्ना एकादशी के दिन हो सके तो निर्जल उपवास करे.
- एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ साथ श्री कृष्णा और अपने इष्ट-देव की भी उपासना करें.
- एकादशी के व्रत में तामसिक भोजन जैसे प्याज़, लहसुन,बासी भोजन का सेवन बिलकुल न करे.
- उत्पन्ना एकादशी के दिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए.
- एकादशी के व्रत में चावलों का सेवन वर्जित होता है.