साल 2022 का पहला सूर्यग्रहण कब लगेगा First Solar Eclipse 2022 Date
सूर्यग्रहण और अमावस्या का समय Suryagrahan Date time
पंचांग के अनुसार साल 2022 का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल शनिवार को बैसाख कृष्ण अमावस्या पर लगेगा. ये आंशिक सूर्य ग्रहण ग्रहण होगा ज्योतिष अनुसार ग्रहण दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी पश्चिमी हिस्से, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका में नजर आएगा. भारत में इसकी दृश्यता शून्य होगी यानि ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा ऐसे में इसका सूतक मान्य नहीं होगा। भारतीय समयानुसार सूर्यग्रहण 30 अप्रैल की मध्यरात्रि में 12:15 बजे से शुरू होगा और 1 मई को सुबह 4:07 बजे तक रहेगा। वहीं शनिश्चरी अमावस्या 30 अप्रैल को प्रातःकाल 12:59 मिनट से शुरू होकर 1 मई प्रातःकाल 1: 59 मिनट पर समाप्त होगी।
सूर्य ग्रहण क्या करे क्या न करे Surya Grahan Do Not These Things
- ग्रहण काल के दौरान किसी भी मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होती है ग्रहण के समय पूजा स्थल को किसी पर्दे से ढककर रखना चाहिए.।
- शास्त्रों के अनुसार ग्रहण लगने से पहले खाने पीने चीजों में तुलसी की पत्ती डालनी चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद इन्हे निकाल दे.
- ग्रहण काल के दौरान अपने इष्ट देवी देवताओ और सूर्य मंत्रों का जाप करना लाभकारी माना जाता है.
- ग्रहण के समय बाल काटना, नाखून, दाढ़ी-मूछ, कलह और गुस्सा न करे.
- ग्रहण के सूतक काल लगने के बाद घर में न तो भोजन पकाना चाहिए और न ही उसे ग्रहण करे हलाकि शास्त्रों में बीमार, बूढ़े और बच्चो को इसकी कोई मनाही नहीं है.
- ग्रहण के समय बाल काटना, नाखून, दाढ़ी-मूछ, कलह और गुस्सा न करे.
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारातमक शक्तिया प्रभावी रहती है इसीलिए गर्भवती महिलाओ को सूर्यग्रहण की छाया से बचना चाहिए.
- ग्रहण को खुली आँखों से देखने से बचना चाहिए.
- ग्रहण समाप्त होने के बाद घर में गंगाजल का छिडकाव कर घर को शुद्ध करना शुभ माना जाता है.
- ग्रहण समाप्त होने पर स्नान करना चाहिए एवं दान करना शुभ माना गया है.
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शनिश्चरी अमावस्या व सूर्यग्रहण उपाय Suryagrahan Amavasya Upay
- शास्त्रों की माने तो सूर्य और शनि पिता पुत्र है 30 अप्रैल शनिचरी अमावस्या और सूर्यग्रहण होने के कारण पिता-पुत्र का ऐसा दुर्लभ संयोग पिछले 100 वर्षों में नहीं बना है. ऐसे में इस संयोग में किये उपाय बहुत ही लाभकारी माने जाते है
- शास्त्रों के अनुसार अगर इस दिन शनिदेव को तेल चढ़कर काले कपड़े पर उड़द की दाल और काले तिल रखकर शनि मंदिर में दान किये जा तो यह बहुत ही शुभ होगा.
- इस दिन भगवान शिव और हनुमान की पूजा करने से भी संकटों से छुटकारा मिलता है,
- शनिचरी अमावस्या के दिन प्रातःकाल स्नान कर पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाये और दाएं करे इससे शनि के अशुभ प्रभाव ख़त्म होते है और पितरो की आत्मा को भी शांति मिलती है.