शनि जयंती उपाय Shani jayanti Upay 2023
वैसाख शनि जयंती शुभ मुहूर्त 2023 Vaisakh Amavasya 2023 Date
- साल 2023 में वैसाख मास की शनि जयंती 20 अप्रैल को मनाई जाएगी.
- अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 19 अप्रैल सुबह 11:23 मिनट पर.
- अमावस्या तिथि समाप्त होगी- 20 अप्रैल सुबह 09:41 मिनट पर.
- इस साल वैशाख अमवास्या पर सूर्य ग्रहण भी लग रहा है, हालांकि भारत में सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा. इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा.
- सुबह की पूजा का शुभ मुहूर्त – 05.51 मिनट से 07.28 मिनट तक.
- दोपहर की पूजा का शुभ मुहूर्त – 10.43 मिनट से 01.58 मिनट तक.
- शाम की पूजा का शुभ मुहूर्त – 06.50 मिनट से 08.12 मिनट तक.
शनि जयंती पूजा विधि Shani Amavasya Pooja Vidhi
शास्त्रों के अनुसार शनि भगवान की विशेष कृपा और सभी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए शनि जयंती पर शनिदेव की पूजा-उपासना करनी चाहिए. शनि जयंती के मौके पर प्रातःकाल स्नान के बाद सुबह-सुबह अपने घर के पास स्थिति किसी भी शनि मंदिर जाकर भगवान शनिदेव की प्रतिमा को प्रणाम करते हुए सरसों के तेल से अभिषेक करें। इसके बाद उन्हें काले तिल, उड़द की दाल, नीले फूल और नीले वस्त्र अर्पित करते हुए तेल का दीपक जलाएं और ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जप करे. अंत में आरती करे और जरूरतमंदों को शनि से सम्बंधित चीजों का दान करें।
शनिपूजा के नियम Shani dev Puja Niyam
- ज्योतिष की माने तो शनि देव न्याय के देवता और नव ग्रहो में सबसे शक्तिशाली है इनकी पूजा के समय कुछ विशेष नियमो का पालन करना चाहिए.
- शास्त्रों के अनुसार शनिदेव की पूजा में किसी भी तरह की अशुद्धता नहीं रखनी चाहिए.
- शनि देव की प्रतिमा के दर्शन करते समय उनकी आंखों में देखने से बचना चाहिए.
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- शनिदेव की पूजा में उन्हें लाल रंग के पुष्प नहीं चढाने चाहिए बल्कि उन्हें उनके प्रिय नीले रंग के पुष्प अर्पित करने चाहिए.
- मान्यता है की शनि देव की पूजा पश्चिम दिशा में करना अधिक शुभ होता है क्योकि पश्चिम दिशा शनि देव की ही दिशा मानी जाती है.
- शनिदेव की पूजा में काले तिल और खिचड़ी का भोग लगाना चाहिए.
शनि जयंती उपाय Shani Jayanti 2023
- शास्त्रों के अनुसार शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती के दिन पीपल की जड़ में कच्चा दूध मिश्रित मीठा जल चढ़ाने व तिल या सरसों के तेल का दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्ट, शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव कम होता है.
- इस दिन सुख-शांति में वृद्धि के लिए पीपल का वृक्ष रोपना बहुत शुभ माना गया है।
- आज के दिन शनिदेव के दिव्य मंत्र ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का जप बहुत फलदायी माना जाता है.
- शनिदेव के आराध्य भगवान शिव हैं। शनि दोष की शांति के इस दिन शनिदेव की पूजा के साथ-साथ शिवजी की पूजा कर ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करे.