गोवर्धन पूजा तिथि शुभ मुहूर्त 2019 Govardhan Puja Annakut 2019 Date Time

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त Govardhan Puja Shubh Muhurt 2019

गोवर्धन पूजागोवर्धन पूजा- दीपावली पूजन के अगले दिन गोवर्धन पूजा का त्यौहार मनाया जाता है यह पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है बहुत सी जगह इसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. इस पर्व का अपना पौराणिक महत्व है जिसका सीधा सम्बन्ध प्रकृति के साथ दिखाई देता है। आज हम आपको साल 2019 में मनाये जाने वाले गोवेर्धन पर्व की शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और इसकी पूजा विधि के बारे में बताएँगे.

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त 2019 Govardhan Puja Shubh Muhurt

  1. साल 2019 में गोवर्धन पूजा का पर्व 28 अक्टूबर सोमवार के दिन मनाया जायेगा|
  2. गोवर्धन पूजा सायंकाल शुभ मुहूर्त: होगा – 3:24  मिनट से 5:36 मिनट तक|
  3. प्रतिपदा तिथि आरम्भ होगी – 28 अक्टूबर 9 बजकर 8 मिनट पर|
  4. प्रतिपदा तिथि समाप्त होगी – 29 अक्टूबर 6 बजकर 13 मिनट पर|

गोवर्धन पूजा सामग्री Govardhan Puja Samagri

गोवेर्धन पूजा के लिए भगवान कृष्ण की प्रतिमा, गोवर्धन पर्वत बनाने के लिए गाय का गोबर, दीपक, कलश, गन्ना, रोली , मौली, अक्षत, चावल,  धूप, अगरबत्ती, नैवेद्य के रूप में फल, मिठाई  पंचामृत,  दूध, दही, शहद, घी और शक्कर आदि चीजों की आवश्यकता होती है|

गोवर्धन पूजा विधि Govardhan Puja Vidhi

शास्त्रों की यदि माने तो गोवर्धन पूजा के दिन प्रात:काल शरीर की तेल मालिश कर स्नान करने का विधान है. स्नान आदि से निवृत होकर सभी पूजन सामग्री एकत्रित कर ले और पूजा स्थल पर बैठें अपने कुलदेव का ध्यान करते हुए पूजा विधि आरम्भ करे पूजा के लिए सर्वप्रथम गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बना ले और इसे फूल, पत्तियों व टहनियों से सजाकर इसके मध्य में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा रखे और उनके समक्ष दीप प्रज्वलित करे और सभी पूजन सामग्री भगवन को अर्पित करे पूजा में इस्तेमाल किया गया दूध, दही, गंगाजल, शहद, बताशे का प्रसाद अंत में सभी को वितरण करे.

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गोवर्धन पूजा का महत्त्व Govardhan Puja Importance

प्राचीन मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान कृष्ण द्वारा इंद्र के अहंकार को तोड़ने के पीछे का उद्देश्य असल में ब्रज वासियों को गौ धन एवं पर्यावरण के महत्त्व को समझाना था ताकि लोग इनकी रक्षा करें| गोवर्धन पर्वत को भगवान कृष्ण का स्वरुप माना जाता है जिस कारण गोवर्धन पूजा के दिन पर्वत रूप में ही इनकी पूजा की जाती है. कुछ अन्य मान्यताओं के अनुसार गोवर्द्धन पूजा के दिन गाय-बैलों की पूजा की जाती है और इस पर्व को ‘अन्‍नकूट’ के नाम से भी जाना जाता है आज ही के दिन मौसमी सब्‍जियों को मिलाकर अन्‍नकूट तैयार कर भगवन को भोग लगाया जाता है. मान्यता है की इस पर्व के शुभ प्रभाव से घर में सुख-समृद्धि की प्राप्‍ति होती है.

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