आषाढ़ संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2021 Sankashti Chaturthi June  2021 Date

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Sankashti chaturthi Vrat Pooja Vidhi 

Sankashti Chaturthi June  2021 DateSankashti Chaturthi June  2021 Date- शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में चतुर्थी तिथि आती है हिंदी पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। मान्यता है की चतुर्थी का व्रत करने से व्यक्ति को ऋद्धि-सिद्धि और समस्त सुखो की प्राप्ति होती है. इस व्रत में भगवन श्री गणेश जी की पूजा की जाती है आज इस वीडियो में हम आपको आषाढ़ माह कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि, इस दिन बन रहे शुभ योग, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन सुख समृद्धि व धनप्राप्ति के लिए किये जाने वाले उपाय के बारे में बताएँगे.

कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2021 Sankashti Chaturthi 2021

  1. साल 2021 में कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी का व्रत 27 जून रविवार के दिन रखा जाएगा|
  2. चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – 27, जून शाम 03:54 मिनट पर|
  3. चतुर्थी तिथि समाप्त – 28, जून शाम 02:16 मिनट पर|
  4. संकष्टी के दिन चद्रोदय का समय होगा 27, जून रात्रि 10:03 मिनट पर|

कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा विधि Sankashti nkashti Chaturthi Vrat Puja Vidhi

Sankashti Chaturthi June  2021 Date- इस बार आषाढ़ मास की चतुर्थी रविवार के दिन पड़ने के कारण रविवती संकष्टी चतुर्थी का संयोग बन रहा है। माना जाता है की जिन लोगों की कुण्डली में सूर्य कमजोर होता है, उनके लिए यह चतुर्थी व्रत रखना बहुत लाभदायक होता है। इस दिन प्रातः काल सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करे और भगवान सूर्य को प्रणाम कर जल चढ़ाये. अब पूजास्थल पर गणेश जी की विधिवत करे पूजा में उन्हें सिंदूर, अक्षत्, रोली, फूलों की माला, वस्त्र आदि से सुशोभित करें। अब धूप दीप जलाकर आरती करे  इसके बाद उनके प्रिय 21 दूर्वा अर्पित कर पसंदीदा लडूओं व मोदकों का भोग उन्हें लगाए. पूजा में ओम गं गणपतयै नम: मंत्र का जाप करें और व्रत कथा पढ़े. रात्रि में चंद्रोदय के बाद चन्द्रमा को अर्घ्य देकर पूजा संपन्न करे.

संकष्टी चतुर्थी का महत्व Sankashti Chaturthi Vrat Importnace

Sankashti Chaturthi June  2021 Date- संकष्टी चतुर्थी पर श्री गणेश की पूजा दिन में दो बार करने का विधान है. एक बार दोपहर में और एक बार मध्याह्न में. कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत और गणेश की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि, आर्थिक संपन्नता ज्ञान एवं बुद्धि प्राप्ति और साथ ही कुंडली में सूर्य की स्तिथि मजबूत होती है. भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। इसीलिए आज की गयी पूजा से व्यक्ति के सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न होते है.

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संकष्टी चतुर्थी उपाय Sankashti Chaturthi Mahaupay

  1. गणेश जी को सभी देवो में प्रथम पूज्य माना गया है कहते है की यदि उनकी आराधना और उपाय सच्चे मन से पूरे किये जाय तो वे व्यक्ति को भगवान् गणेश जी के आशीर्वाद से मनोकामना प्राप्ति का वरदान मिलता है तो आइये जानते है संकष्टी चतुर्थी के दिन किये जाने वाले ये उपाय क्या है.
  2. भगवान गणेश जी को मोदक और दूर्वा अति प्रिय है कृष्णपिङ्गल संकष्टी के दिन गणेश जी को मोदक का भोग लगाकर 21 दूर्वा अर्पित करने से ब्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.
  3. आज के दिन पूजा में भगवन गणेश जी को साबूत हल्दी की गांठ चढ़ाएं इससे जीवन की सभी परेशानियां का अंत होता है.
  4. गणेश संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी को शमी के पत्ते अर्पित करें. मान्यता है की इससे घर के सुख में बढ़ोत्तरी होती है.
  5. संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश के समक्ष घी का चौमुखी दीपक जलाकर उन्हें सिंदूर का तिलक करे. इससे आपकों गणेश जी की कृपा प्राप्त होगी.
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