30 अगस्त 2023 रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त Raksha Bandhan Date Time 2023

रक्षाबंधन 2023 भद्रा कब से कब तक Rakhi 2023 Bhadra Time

Raksha Bandhan DateRaksha Bandhan Date शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन का त्यौहार हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि को भद्रारहित काल में मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते, स्नेह और प्रेम का प्रतीक माना गया है। पंचांग के अनुसार इस बार सुबह से शाम तक भद्रा होने के कारण रक्षाबंधन कब मनाये इसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है क्योकि ऐसी मान्यता है की जब भद्राकाल हो तो इस समय राखी नहीं बांधनी चाहिए. आइये जानते है साल 2023 में रक्षाबंधन का त्यौहार किस दिन मनाया जायेगा, रक्षाबंधन पूजा-विधि, भद्रा कब से कब तक रहेगी और राखी बांधने के शुभ मुहूर्त क्या है|

रक्षाबंधन तिथि, शुभ मुहूर्त 2023 Raksha Bandhan 2023 Shubh Muhurat

  1. ज्योतिष अनुसार साल 2023 में रक्षाबंधन का पर्व 30 और 31 अगस्त दो दिन मनाया जाएगा |
  2. पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – 30 अगस्त प्रातःकाल 10:58 बजे|
  3. पूर्णिमा तिथि समाप्त – 31 अगस्त प्रातःकाल 07:05 मिनट पर|

रक्षाबंधन पर भद्रा कब से कब तक रहेगी Raksha Bandhan 2023 Bhadra Timing

शास्त्रों के अनुसार इस बार भद्रा के रहते राखी बांधने के लिए बहनों को कम समय मिलेगा। भद्रा 30 अगस्त को प्रातःकाल 10:58 मिनट् से रात्रि 9:01 मिनट तक रहेगी| रक्षाबंधन भद्रा पूँछ का शाम 05:30 मिनट से शाम 06:31 मिनट तक, भद्रा मुख का समय शाम 06:31 मिनट से रात 08:11 मिनट तक और भद्रा समाप्ति का समय होगा रात 09:02 मिनट| शास्त्रों के अनुसार भद्रा के समय राखी बांधना शुभ नहीं होता लेकिन अगर बहुत जरूरी हो तो चौघड़िया के समय को ध्यान में रखकर राखी बंधी जा सकती है.

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किस समय बांधे राखी Raksha Bandhan 2023

ज्योतिष अनुसार इस बार रक्षा बंधन के दिन भद्रा होने के कारण रक्षाबंधन 30 और 31 अगस्त को मनाया जायेगा| 30 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रात्रि 09:01 मिनट से निषिथ काल रात 12.28 मिनट तक रहेगा वही 31 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 7:00 बजे तक का होगा क्योकि इस दिन पूर्णिमा सुबह 7 बजे तक ही होगी| ऐसे में बहने दोनों दिन इन शुभ मुहूर्तो में राखी बांध सकती है.

रक्षाबंधन पूजा-विधि Raksha Bandhan Puja Vidhi

मान्यताओ के अनुसार रक्षाबंधन के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर पूजा की थाल सजानी चाहिए जिसमें रंग बिरंगी राखी के साथ रोली, चंदन, अक्षत, मिष्ठान, दीपक और पुष्प आदि रखें। अब इस थाली में घी का दीपक जलाकर इसे पूजा स्थल पर रख दें। सबसे पहले सभी देवी देवातओं का स्मरण कर धूप दीप जलाये और भाई बहिन मिलकर पूजा करें इसके बाद भाई का तिलक कर उनकी आरती करे और दाहिनी कलाई में राखी बांधें। कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने के बाद मिठाई खिलाकर पूजा सम्पन्न करे.

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