पितृ पक्ष मोक्षदायिनी अमावस्या Pitru Paksh 2020
मातृ नवमी Pitru Paksh 2020
पितृ पक्ष में आने वाली नवमी को मातृ नवमी कहा जाता है। मातृ नवमी आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि होती है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन उन महिलाओं का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु सौभाग्यवती रहते हुए हो जाती है। मृत महिलाओ के लिए नवमी तिथि को अहम माना गया है। मातृ नवमी के दिन मृत महिलाओं श्रद्धांजलि देने और उनका श्राद्ध करने की परंपरा हैं बहुत सी जगहों पर इसे डोकरा नवमी भी कहा जाता है। इस तिथि का श्राद्ध मुख्य रूप से माताओं के निमित्त किया जाता है। यह तिथि स्वर्गवासी माता का आशीष प्राप्त करने के लिए अहम् मानी जाती है.
एकादशी Pitru Paksh 2020
मात्रा नवमी के बाद पितृ पक्ष की महत्वपूर्ण तिथि एकादशी आती है जिसे इंदिरा एकादशी कहते हैं पितृ पक्ष में पड़ने वाली एकादशी बहुत ही महत्वपूर्ण मानी गयी है। इस दिन श्राद्ध करने का विशेष महत्व है कहा जाता है की इस तिथि को उन पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है जो किसी न किसी वजह से भटकती है। इस दिन व्रत करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं। वही एकादशी के अगले दिन द्वादशी को उन लोगों के भी निमित्त श्राद्ध करने का विधान है जो गृहस्थ जीवन छोड़कर संन्यासी हो जाते हैं।
चतुर्दशी तिथि Pitru Paksh 2020
पितृ पक्ष में पड़ने वाली चतुर्दशी तिथि भी बेहद विशेष महत्व रखती है।शास्त्रों के अनुसार इस दिन उन परिजनों के निमित्त श्राद्ध किया जाता है जिनकी अकाल मृत्यु या फिर दुर्घटनाओं में मृत्यु हो जाती है इस तिथि को श्राद्ध करने से इन लोगो को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
पितृ अमावस्या Pitru Paksh 2020
पितृ पक्ष की सबसे महत्वपूर्ण तिथि होती है पितृ अमावस्या जिसे मोक्षदायिनी और सर्वपितरी अमावस्या भी कहते है शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों की मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं होती या फिर किसी भी भूले बिसरे परिजनों का इस तिथि को श्राद्ध किया जाता है। यह तिथि मनुष्य की जन्मकुंडली में बने हुए पितृदोष से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ तर्पण, पिंडदान एवं श्राद्ध के लिए फलदायी मानी जाती है। इस दिन पितरों के तर्पण के साथ विशेष उपाय करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।