ज्येष्ठ संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2022 Sankashti Chaturthi Date Time 2022

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Sankashti Vrat Pooja Vidhi 

Sankashti Chaturthi Date Time 2022Sankashti Chaturthi Date Time 2022 शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में चतुर्थी तिथि आती है कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी होती है. पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी एकदन्त संकष्टी चतुर्थी कहलाती है। मान्यता है की चतुर्थी के दिन व्रत करने और गणेश जी का पूजन करने से व्यक्ति को ऋद्धि-सिद्धि और समस्त सुखो की प्राप्ति होती है. आज हम आपको ज्येष्ठ माह एकदन्त संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि, पूजा के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन सुख समृद्धि व धनप्राप्ति के लिए किये जाने वाले उपाय के बारे में बताएँगे.

एकदन्त संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2022 Sankashti Chaturthi 2022

  1. साल 2022 में एकदन्त संकष्टी चतुर्थी का व्रत 19 मई गुरूवार के दिन रखा जाएगा|
  2. चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – 18, मई रात्रि 11:36 मिनट पर|
  3. चतुर्थी तिथि समाप्त – 19, मई रात्रि 08:23 मिनट पर|
  4. संकष्टी के दिन चद्रोदय का समय होगा 19, मई रात्रि 10:05 मिनट पर|
  5. पूजा का अभिजित मुहूर्त होगा सुबह 11:50 मिनट से दोपहर 12:45 मिनट तक रहेगा|

एकदन्त संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा विधि Sankashti Chaturthi Puja Vidhi

मान्यता है की संकष्टी चतुर्थी व्रत रखने से विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना करने से संकट दूर होते हैं. चतुर्थी के दिन सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करे और पूजास्थल को साफ़ कर एक चौकी पर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करे. भगवान श्रीगणेश के सामने धूप-दीप जलाकर उन्हें सिंदूर, अक्षत्, रोली, फूलों की माला, वस्त्र आदि से सुशोभित करें। इसके बाद उनके प्रिय 21 दूर्वा उन्हें अर्पित कर लडूओं व मोदकों का भोग लगाए. श्री गणेश जी को दूर्वा अर्पित करते समय ओम गं गणपतयै नम: मंत्र का जाप करें और व्रत कथा पढ़े. रात्रि में चंद्रोदय के बाद चन्द्रमा को अर्घ्य देकर पूजा संपन्न करे.

एकदंत संकष्टी चतुर्थी शुभ योग 2022 Ekdant Sankashti Chaturthi Shubh Yog

साल 2022 में ज्येष्ठ मास की संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह से ही साध्य योग है, जो दोपहर 02:58 मिनट तक रहेगा. उसके बाद शुभ योग शुरु हो जाएगा. ये दोनों ही योग पूजा पाठ के लिए शुभ फलदायाी माने जाते हैं. इस दिन सुबह से ही पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा.

संकष्टी चतुर्थी उपाय Sankashti Chaturthi Mahaupay

Sankashti Chaturthi Date Time 2022 गणेश जी सभी देवो में प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता है कहते है इनकी पूजा से सभी कार्य सिद्ध होते है मान्यता है की चतुर्थी के दिन यदि उनकी आराधना और उपाय सच्चे मन से किये जाय तो वे व्यक्ति के सभी संकटो को दूर कर मनोकामना पूरी करते है आइये जानते है संकष्टी चतुर्थी के दिन किये जाने वाले ये उपाय क्या है.

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  1. धार्मिक मान्यता है की भगवान गणेश जी को मोदक और दूर्वा अति प्रिय है एकदन्त संकष्टी के दिन गणेश जी को मोदक का भोग लगाकर 21 दूर्वा अर्पित करने वे जल्दी प्रसन्न होते हैं।
  2. शास्त्रों के अनुसार किसी भी चतुर्थी के दिन घर में गणेश यंत्र की स्थापना करना लाभकारी और शुभकारी होता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  3. गणेश संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह स्नान के बाद भगवान गणेश जी को 21 दूर्वा की माला बनाकर अर्पित करे इससे व्यक्ति का रूका हुआ धन जल्द ही वापस मिल जाता है.
  4. चतुर्थी के दिन पूजा के बाद गणेश जी को गुड़ और घी का भोग लगाएं। बाद में उस भोग को गाय को खिलाएं। इससे धनलाभ होता है.
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