साल की आखिरी अमावस्या कब है 2024 Paush Amavasya 2024 Kab Hai

सोमवती अमावस्या उपाय Somwati Amavasya Upay

Paush Amavasya 2024 Kab HaiPaush Amavasya 2024 Kab Hai पंचांग के अनुसार साल 2024 में पौष मास की अमावस्या साल की आखिरी अमावस्या होगी. जिसे बेहद शुभ माना जा रहाहै क्योकि यह सोमवती अमावस्या होगी. सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-दान काविशेष महत्व है इसके साथ ही इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर पीपल के वृक्ष की 108 परिक्रमा करने से मनोकामना पूरी होती है. आइए जानते हैं साल 2024 में साल की अंतिम पौष सोमवती अमावस्या कब है, स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और सोमवती अमावस्या के कौन से कार्य करना शुभ होता है|

पौष अमावस्या शुभ मुहूर्त 2024 Paush Amavasya 2024 Date

  1. साल 2024 में साल की अंतिम पौष अमावस्या और सोमवती अमावस्या 30 दिसम्बर सोमवार को है|
  2. अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 30 दिसम्बर प्रातःकाल 04:01 मिनट|
  3. अमावस्या तिथि समाप्त – 31 दिसम्बर प्रातःकाल 03:56 मिनट|
  4. अभिजीत मुहूर्त – प्रातःकाल 11:54 मिनट से दोपहर 12:35 मिनट|
  5. वृद्धि योग – सुबह से लेकर रात्रि 8:32 मिनट|
  6. स्नान दान मुहूर्त – प्रातःकाल 05:16 मिनट से प्रातःकाल 06:11 मिनट तक रहेगा|

सोमवती अमावस्या पूजा विधि Amavasya Puja Vidhi

सोमवती अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. स्नान के बाद साफ़ वस्त्र धारण कर सूर्य को अर्घ्य दें इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, शहद, बेल पत्र, और फल अर्पित करें. शिव मंत्र “ऊं नमः शिवाय” मन्त्र का जाप करें. पितरों की पूजा करें और पितृ तर्पण करें. पीपल के पेड़ की पूजा कर पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और जल अर्पित करें. इसके बाद पीपल की 108 बार परिक्रमा करें.

सोमवती अमावस्या उपाय Somwati Amavasya Upay

  1. सोमवती अमावस्या के दिन दान-पुण्य करें इस दिन खासकर भोजन, कपड़े और सफ़ेद चीजों का दान करना शुभ होता है.
  2. पौष मास की अमावस्या सोमवती अमावस्या है ऐसे में इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और इसके चारों ओर 108 बार धागा लपेटकर परिक्रमा करें। ऐसा करने से दीर्घायु, सौभाग्य और धन की प्राप्ति होती है।
  3. इस दिन तुलसी जी की पूजा के समय तुलसी मंत्रों का जाप करें।
  4. अमावस्या पर कुत्ते को रोटी खिलाएं, गाय को हरा चारा, मछलियों को आटे की गोलियां और पक्षियों के लिए छत पर दाना-पानी रखने से पितृ देव प्रसन्न होते है.
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