पापमोचिनी एकादशी पूजा शुभ मुहूर्त 2021 Papmochani Ekadashi  2021

पापमोचिनी एकादशी पूजा विधि व उपाय Papmochani Ekadashi Puja Vidhi 2021

Papmochani Ekadashi  2021Papmochani Ekadashi  2021- चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी पापमोचनी एकादशी कहलाती है। शास्त्रों में चैत्र माह की एकादशी व्रत का बड़ा महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पापमोचिनी एकादशी का व्रत पापों का नाश करने वाला है। कहते है की इस व्रत को जो कोई व्यक्ति पूरे विधि विधान के साथ करता है उसके सभी दुख दूर होकर समस्त मनोकामनाए पूरी होती है. इस दिन भगवान विष्णु जी के चतुर्भुज रूप की पूजा की जाती है. आज हम आपको साल 2021 पापमोचनी एकादशी व्रत कब है पूजा के सभी शुभ मुहूर्त, व्रत विधि, पारण का समय और इस दिन किये जाने वाले प्रभावशाली उपायों के बारे में बताएँगे.

पापमोचनी एकादशी पूजा के शुभ मुहूर्त 2021 Papmochani Ekadashi Date Time 2021

  1. साल 2021 में पापमोचिनी एकादशी का व्रत 7 अप्रैल बुधवार के दिन रखा जायेगा.
  2. एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी – 7 अप्रैल प्रातःकाल 02:09 मिनट पर|
  3. एकादशी तिथि समाप्त – 8 अप्रैल प्रातःकाल 02:28 मिनट पर|
  4. व्रत के पारण का शुभ समय होगा – 8 अप्रैल दोपहर 01:39 मिनट से 04:11 मिनट तक|
  5. पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय- सुबह 08:40 मिनट |
  6. 08 अप्रैल एकादशी पारण के दिन सुबह 04:21 मिनट से 05:07 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा|

पापमोचिनी एकादशी पूजा विधि Papmochani Ekadashi Vrat puja Vidhi

पापमोचिनी एकादशी में भगवान विष्णु जी के चतुर्भुज रूप की पूजा की जाती है इस व्रत को करने वाले व्रती को दशमी तिथि के दिन सात्विक भोजन ग्रहण कर अगले दिन एकादशी तिथि को प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर पूजास्थल पर विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित कर षोडषोपचार सहित श्री विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए. पूजा में भगवान विष्णु जी को धुप दीप, पीले फल फूल अर्पित कर तुलसी पत्र डली खीर का भोग लगाए. इसके बाद विष्णु मंत्रो का जाप कर व्रत कथा का पाठ करे या सुने. इस दिन शाम के समय तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाकर तुलसी मंत्रो का जाप करे. अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण कर ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन करवाकर दान दक्षिणा देकर व्रत संपन्न करे.

पापमोचिनी एकादशी व्रत का महत्व papmochini Ekadashi Mahtva

पापमोचिनी एकादशी जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है की ये एकादशी समस्त पापो का नाश करने वाली है इस एकादशी का व्रत चैत्र कृष्णा पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति द्वारा जाने अनजाने किये गए पापो से मुक्ति पाने के लिए पापमोचिनी एकादशी का बहुत अधिक महत्व रखता है आज के दिन यदि भगवान विष्णु जी के चतुर्भज रूप की पूजा की जाय तो व्यक्ति को सभी पापो से मुक्ति मिलने के साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है.

एकादशी व्रत का पारण कब करें Papmochani Ekadashi Paran Kab Kare

शास्त्रों की माने तो एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले ही करना शुभ होता है यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाती है तो इस स्थिति में सूर्योदय के बाद ही पारण किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए। इसलिए जो भी यह व्रत रखते है और व्रत का पारण करते है उन्हें हरि वासर की अवधि समाप्त होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए और फिर पारण करना चाहिए.

एकादशी उपाय Ekadashi Upay

  1. यह एकादशी दुखो को दूर करने वाली एकादशी है इस दिन यदि आप पीपल के वृक्ष पर मीठा जल चढ़ाकर शाम के समय वहां पर 1 दीपक जला देते है तो आपके जीवन से आर्थिक परेशानिया दूर होने लगती है
  2. मान्यताओं के अनुसार एकादशी की शाम के समय विधिपूर्वक भगवान विष्णु जी की पूजा कर तुलसी के पौधे के पास शुद्ध घी का दीपक जलाने से मनोकामना जल्द ही पूरी होती है.

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  1. एकादशी एक दिन खीर में तुलसी पत्र डाली खीर का भोग विष्णु जी को लगाना बहुत ही शुभ फलदाई होता है.
  2. कहा जाता है की यदि आप एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी जी का पूजन करते है तो आपको सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
  3. पापमोचिनी एकादशी के दिन भगवान् विष्णु जी का पंचामृत से स्नान कराने पर व्यक्ति द्वारा हुए जाने अनजाने सभी पापो से छुटकारा मिलता है.
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