नवरात्रि सातवां दिन शुभ मुहूर्त 2023 Navratri Seventh Day Puja Vidhi

नवरात्रि सातवां दिन रंग भोग पूजा विधि Navratri Maa Puja Vidhi

Navratri Seventh day Durga Puja Vidhi पौराणिक कथा अनुसार मां दुर्गा का सातवां स्वरुप माता कालरात्रि है. नवरात्रि में सातवें दिन महासप्तमी पड़ती है। इस दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की जाती है। माँ अपने भक्तो को शुभ फल देती है जिस कारण इन्हे शुभंकरी भी कहा जाता है। मां कालरात्रि की पूजा करने से आकस्मिक संकटों से छुटकारा मिलता है और मां कालरात्रि की पूजा से भय और रोगों का नाश होता है।आइये जानते है साल 2023 में सातवा नवरात्री व्रत कब है, माँ कालरात्रि स्वरूप, शुभ मुहूर्त, शुभ योग, पूजा विधि, माँ के पसंदीदा भोग, रंग, मंत्र और इस दिन किये जाने वाले विशेष उपाय क्या है.

सातवां नवरात्रि व्रत शुभ मुहूर्त Navratri Seventh Day Date Time

  1. साल 2023 में नवरात्रो की सप्तमी तिथि और सातवां नवरात्रि व्रत 21 अक्टूबर शनिवार को रखा जायेगा|
  2. इस दिन नवपत्रिका पूजा और सरस्वती पूजन भी किया जाता है|
  3. सप्तमी तिथि प्रारम्भ – 20, अक्टूबर रात्रि 11:24 मिनट पर|
  4. सप्तमी तिथि समाप्त – 21, अक्टूबर रात्रि 09:53 मिनट पर|
  5. पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – सुबह 06:25 मिनट से 08:17 मिनट तक|

मां कालरात्रि का स्वरुप Maa Kaalratri Swaroop

पौराणिक कथाओ के अनुसार देवी कालरात्रि के शरीर का रंग अंधकार की तरह काला है। काला रंग होने के कारण ही इन्हे कालरात्रि और भक्तों को शुभ फल प्रदान करने के कारण इन्हे शुभंकरी कहा जाता है। ये देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों में सातवां स्वरुप हैं। माँ गर्दभ पर सवार रहती है और इनके केश खुले हैं। माँ की चार भुजाये है ये दोनों बाएं हाथों में कटार और लोहे का कांटा धारण किये हुए हैं। वहीं माँ के दो दाये हाथ अभय मुद्रा और वरमुद्रा में हैं। मां के तीन नेत्र ब्रह्मांड की तरह विशाल व गोल हैं माँ गले में सफेद विद्युत की माला धारण किये रहती है.

मां कालरात्रि पसंदीदा रंग, फूल व भोग Maa Kaalratri Bhog

शास्त्रों के अनुसार मां कालरात्रि को भोग के रूप में गुड़ बहुत पसंद है इसलिए नवरात्रो की सप्तमी के दिन माँ को गुड़ का भोग लगाना शुभ माना जाता हैसाथ ही आज के दिन ब्राह्मणों को गुड़ का दान करने से वह जल्दी प्रसन्न होती हैं मां का पसंदीदा रंग लाल रंग है इनकी पूजा में लाल गुलाब या लाल गुड़हल या रातरानी का फूल अर्पित करना चाहिए.

माता माँ कालरात्रि पूजन विधि Maa Kaalratri Puja Vidhi

शास्त्रों के अनुसार नवरात्री की सप्तमी तिथि को प्रातःकाल स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करे और व्रत का संकल्प लेकर सबसे पहले भगवान गणेश जी फिर मां कालरात्रि का आह्वाहन करे. पूजास्थल में धूप-दीप कर माता को कुमकुम, रोली, अक्षत्, गंध, लाल रंग के पुष्प, 5 प्रकार के फल और गुड़ का भोग अर्पित करे. इसके बाद मां कालरात्रि के मंत्र ओम देवी कालरात्र्यै नमः। का जाप करे और मां कालरात्रि की व्रत कथा पढ़कर आरती करें.

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देवी कालरात्रि को प्रसन्न करने का उपाय Maa Kaalratri Puja Vidhi Upay

  1. नवरात्री के सातवें दिन देवी कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए सप्तमी तिथि की रात माता कालरात्रि के बीज मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः’ मंत्र का अधिक से अधिक जाप करना चाहिए. इससे माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
  2. मान्यताओं के अनुसार माँ की पूजा और साधना मध्यरात्रि में की जाती है क्योकि इस दिन रात्रि में मां की आंखें खुलती हैं सप्तमी की रात में माँ को पेठा और लौंग अर्पित करने से कार्यो में विजय प्राप्त होती है.
  3. आज के दिन माँ कालरात्रि को लाल गुड़हल के पुष्प अर्पित करने से ग्रहो के अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाते है.
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